ज्योतिष कूड़े का भार है

बीबीसी पर एक बेहतरीन विज्ञान श्रृंखला वंडरस् ऑफ द सोलर सिस्टम (Wonders of the Solar System) आ रही है। मैं नहीं कह सकता कि यह अपने देश में आ रही है कि नहीं। क्योंकि मेरे यहां केबल टीवी नहीं है केवल दूरदर्शन की सैटेलाइट चैनल है। यदि आप मेरी तरह के हैं तो इसे यूट्यूब में देख सकते हैं।

इस श्रृंखला के मेज़बान  प्रोफेसर ब्रायन कॉक्स (Professor Brian Cox) हैं।  आप मैनचेसटर विश्विद्यालय में प्रोफेसर और रॉयल सोसायटी युनिवर्सिटी रिसर्च फेलो (Royal Society University Research Fellow) हैं। इसके साथ वे लार्ज हार्डन कोलिडर (Large Hadron Collider) स्विटज़रलैंड में शोधकर्ता हैं।

वंडर्स् ऑफ द सोलर सिस्टम श्रृंखला की शुरुवात का दृश्य

 

इस श्रृंखला के दौरान जब वे बृहस्पति के बारे में बात करते हैं तब एक वाक्य ‘Astrology is a load of rubbish’ (ज्योतिष बकवास का भार है) का प्रयोग करते हैं। वे कहते हैं,

‘Now astrologists have said for years that Jupiter influences our lives. But we now have scientific evidence that this mighty planet does have a significant connection with our own small world.

Now, Jupiter is so different to our planet… a big ball of gas half a billion kms away. It’s difficult to see how it could have anything to do with us at all. But despite the fact that astrology is a load of rubbish, Jupiter can in fact, have a profound influence on our planet. And it’s through a force … gravity.’

इस पर ज्योतिषियों ने उस पर आपत्ति जतायी और उन्होंने फेसबोक पर अपन नया पेज (Equinox Astrology: BBC’s Wonders of the Solar System & Astrology) नाम से खोल लिया है। इस पर वे लोग कॉक्स के बारे में लिखते हैं।

‘His careless assertion was unresearched, unsubstantiated and unscientific. Has he done any empirical studies? Has he explored his birth chart? Can he cite any scientific studies disproving astrology that are not fundamentally flawed? Of course not. I have certainly never seen him at an astrology conference or read anything written by him about astrology. Cox is simply not qualified to speak on astrology and his comments amount to no more than prejudice.’

वे बीबीसी से भी इस बारे में आपत्ति कर रहे हैं।

यह सच है कि बृहस्पति ग्रह बहुत बड़ा है। इसका गुरुत्वकर्षन भी ज्यादा है। हो सकता है कि इस कारण कोई उल्का हमारी पृथ्वी के रास्ते में आ जाय। यदि ऐसा होता है तब इसके परिणाम गम्भीर हो सकते हैं: उल्का हमसे टकरा सकती है। लेकिन बृहस्पति का किसी व्यक्ति पर कोई असर नहीं होता है जैसा कि ज्योतिषी कहते हैं। यह सच है कि ज्योतिष में न कोई कोई विज्ञान है न ही कोई तर्क। यह अपने ही तर्क पर गलत है और प्रोफेसर कॉक्स की बात सच है।

कुछ समय पहले मैंने कड़ियों में ‘ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके’ नाम से अपने उन्मुक्त चिट्ठे पर लिखी थी इसमें बताया था कि क्यों ज्योतिष में कोई विज्ञान नहीं है। इसे यदि आप कड़ियों में पढ़ना चाहें तो नीचे लिखी लिंक पर चटका लगा कर पढ़ सकते हैं।

भूमिका।। तारे और ग्रही।। प्राचीन भारत में खगोल शास्त्र।। यूरोप में खगोल शास्त्र।।  हेर संगीत नाटक।। पृथ्वी की गतियां।। राशियां।। विषुव अयन: हेयर संगीत नाटक के शीर्ष गीत का अर्थ।। ज्योतिष या अन्धविश्वास।। राशिफल का मेष राशि से शुरु और ज्योतिष का अपने तर्क पर गलत होना।। अंक विद्या, डैमियन – शैतान का बच्चा।। अंक लिखने का इतिहास।। हस्तरेखा विद्या और निष्कर्ष।।

यदि आप इसे एक जगह पढ़ना चाहें तब मेरे लेख चिट्ठे की इस चिट्ठी पर चटका लगा कर पढ़ सकते हैं। यह मेरी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली चिट्ठी है। इस पर मुझे सबसे ज्यादा टिप्पणी भी मिली हैं। बहुत सारी टिप्पणियां मैंने प्रकाशित भी नहीं की। वे पुरानी टिप्पणियों की प्रतिलिपी ही थीं या फिर अपशब्द से भरी – शालीनता के परे।

ज्योतिष अपने तर्क पर क्यों गलत है और राषि फल कयों मेष राषि पर  शुरू होता है इसे यहां चटका लगा कर पढ़ा जा सकता है।

मैंने इसी बात को दूसरे तरीके से ‘आप सही हैं … मैं बदलाव कर रहा हूं‘ चिट्ठी में बताया है और अपना दुखड़ा भी रोया कि सबसे ज्यादा सर्च  ज्योतिष (Astrology), हस्तविद्या (Palmistry), अंक विद्या (Numerology) से संबन्धित शब्द हैं या सेक्स से संबन्धित। इसी बात को अन्य चिट्ठी ‘जिया धड़क धड़क जाये‘ में भी स्पष्ट किया। मालुम नहीं हम कब बदलेंगे।

यदि आप बीबीसी कड़ी का वह भाग सुनना चाहें जिसमें उस वाक्य का प्रयोग हुआ तब नीचे देख सकते हैं। आपको यह भी पता चलेगा कि बृहस्पति किसी व्यक्ति विषेश पर नहीं, जैसा की ज्योतिषी कहते हैं लेकिन किस तरह अपने गुरुत्वकर्षन के कारण पृथ्वी पर गम्भीर असर डाल सकती है। इसमें यह बात चित्रों द्वारा आसानी से समझायी गयी है।

यह एक बेहतरीन श्रृंखला है यदि आप इसे देख सकते हैं तब अवश्य अपने मुन्ने और मुन्नी के साथ देखें। अपने बच्चों के साथ समय बिताने अच्छे टीवी सीरयल, फिल्में, पुस्तकों की दुकान जाने अपने फायदे हैं। इसकी चर्चा मैंने ‘बच्चे व्यवहार से सीखते हैं, न कि उपदेश से‘ नामक चिट्ठी में किया है।

सांकेतिक शब्द

Astronomy, Astronomyculture, Family, fiction, life, Life, Religion, खगोलशास्त्र, विज्ञानजीवन शैली, दर्शनधर्म, धर्म- अध्यात्म, विज्ञान, समाज, ज्ञान विज्ञान,

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के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

13 Responses to ज्योतिष कूड़े का भार है

  1. आप का यह ब्लाग हमेशा कुछ सिखाता है।

  2. आभार इस बाबत बताने का…आराम से देखते हैं.

  3. Nishant says:

    सहमत उन्मुक्त जी.

    किसी भी ज्योतिषी से पूछो कि एक ही शहर में एक ही अस्पताल में एक ही समय पर जन्म लेने वाले बच्चों का भविष्य क्या एक होगा तो वे बगलें झाँकने लगते हैं.

  4. aradhana says:

    मैं भी सहमत. ज्योतिष का विज्ञान से कुछ लेना-देना नहीं है. पर इसका महत्त्व इस बात में है कि यह एक प्राचीन विज्ञान है और लोगों को भरम में बनाये रखता है.

  5. pandey deep says:

    upar likhe sabhi logon ne kisi na kisi jyotishi se puchh kar hi ye bataen boli hongi.
    jyotish ko sahi dhang se samjhe fir lekh likhe
    ek baat batayen kya RMP Doctors ke ilaaj ko dekhkar saari ki saari allopathy par sawaliya nishan laga doge.

  6. vicky says:

    Jyotish hai kya purane log tazurbe ke aadhar par likhi baton ka sangrah, Jarori nahi har ek tajurba sahi ho, isliye sahi hai ye kude/kachre ka dher hi hai

  7. Yogesh Dwivedi says:

    adhuraye bhartiye hai shayad wo log jinhe apni he sanskriti ke gyan pr vishwas nhi,,shayad pashchatya sanskriti ki dhun me andhae se ho gye hai , jis kaaran se apne vidwaan poowajon or acharyon ki jaankari tk nahi,,,Chitthi likhne wale mahashaye ji aap pehle Sanskrit ka gyaan lijiye fir uske baad apni Sanskriti ko samjhiye,,bina pade-likhe hokr kese kuch bhi keh skte ho,,,Gita padi hai kya kabhi,,,wahan Agni prrajjwalit kese hoti hai,Nakshatra kya hai,,iska gyan milega,,Bhagwat padna shayad kuch Bhuddhi ke patal khul jayein,,,Rigved ka 161 mandal ke shloak padein,,Atharved ke 52-61 mandal ke shloak pdae,,,or inn sbke liye Sanskrit ana chahiye jo shayad apko aati he nahi or na kabhi aapne shayad padi hogi,,adhurae bhartiya foreign ki bhasha hindi me smjha rhe hai,pehle apni sankriti ko or sanskrit ko smjho,,,fir adhurae gyan pr pashchataap hoga,,,or Jankaari ke liye ek or baat bta du,,Russia ke Space center me jo Shuttle launching tracking and planets track calculations hoti hai wo hamare Shashtron ke Gaumutra Ganit Paddhati se derived ki hui hai,,pehle zra isko jaanch lo fir baat krna apne baare me,,,shayad apke foreign mitra apko ye sach na batayein,,,pramaan chahiye to pehle uske laayak bhi bniye,,,Jai Shri Krishna,,,
    Yogesh Dwivedi,,

  8. मैं एक ज्योतिषी हूँ …..पिच्च्ले पच्चीस साल से इस विधा को जानने की कोसिस कर रहा हूँ …….कुछ हद तक कामयब भी हूँ ..ज्ञान अनंत होता है …..मुझे आपका लेख विज्ञानं के तर्क पे तो सही लगा लेकिन ..आपके लेख से ये पता चल गया की आपको ज्योतिष का कोई अध्यन नहीं है …..जिस तरह अति वज्ञानिक लेख पर मेरी टिपण्णी गलत होगी ……….वैसे ही ज्योतिष पर आपकी टिपण्णी लगी …..बचकानी है ……मैं ऐसा भी नहीं है की अतारिकिक और अव्यगानिक हूँ ..मैंने गणित से स्नातक किया है ….उसके बाद विधि की भी पढाई की है …..इलाहाबाद विश्विदालिया से ………मुझे लगता है ये बहुत लम्बा तर्क का विषय हो जायेगा …बस एक बात कहना चाह रहा था …….जो जानकारी आप इतनी शोध के साथ दे रहें हैं …ये ज्योतिष के प्राचीन ग्रंथों में तभी का लिखा है ..आप जरूर पढ़ें ………आज मंगल को रेड प्लेनेट कहा गया ………ज्योतिष की ग्रंथों में उसको रक्त ग्रह कहा ही गया है ………हमारी विद्या ,”गुप्त “….हो गई है “लुप्त”…नहीं हुई है ….जरूरत है नए सिरे से सोचने की …………धन्यवाद

  9. उन्मुक्त says:

    यह सच है कि हमारे पुराने ज्यतिषाचार्य बेहतरीन खगोलशास्त्री थे। इस बारे में मैंने विस्तार से अपने लेख ‘ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके‘ में लिखा है। लेकिन मेरे विचार से उसके बाद वे रास्ता भटक गये पर हो सकता है कि आप ही सही हों।

  10. love riyan says:

    insaan ki hatho ki rekhyao se hi kismat bnti hai or yeh hatho me hi supi hoti hai

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