राशिफल का मेष राशि से शुरु और ज्योतिष का अपने तर्क पर गलत होना

मैंने अपने उन्मुक्त चिट्ठे में ‘ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके’ नामक श्रंखला लिखी है। इसकी चिट्ठी ‘राशियां Signs of Zodiac‘ में राशियों (signs of zodiac) के बारे में  बताया था,

‘यदि पृथ्वी, सूरज के केन्द्र और पृथ्वी की परिक्रमा के तल को चारो तरफ ब्रम्हाण्ड में फैलायें, तो यह ब्रम्हाण्ड में एक तरह की पेटी सी बना लेगा। इस पेटी को हम १२ बराबर भागों में बांटें तो हम देखेंगे कि इन १२ भागों में कोई न कोई तारा समूह आता है। हमारी पृथ्वी और ग्रह, सूरज के चारों तरफ घूमते हैं। या इसको इस तरह से कहें कि सूरज और सारे ग्रह पृथ्वी के सापेक्ष इन १२ तारा समूहों से गुजरते हैं। यह किसी अन्य तारा समूह के साथ नहीं होता है इसलिये यह १२ महत्वपूर्ण हो गये हैं। इस तारा समूह को हमारे पूर्वजों ने कोई न कोई आकृति दे दी और इन्हे राशियां कहा जाने लगा।’

राशि के चिन्ह

राशि के चिन्ह – विकिपीडिया के सौजन्य से और उसी की शर्तों में

इसी श्रंखला की चिट्ठी ‘विषुव अयन (precession of equinoxes) – हेयर संगीत नाटक के शीर्ष गीत का अर्थ‘ में विषुव (Equinox) का जिक्र करते हुऐ बताया था कि,

‘साल के शुरु होते समय (जनवरी माह में) सूरज दक्षिणी गोलार्द्ध में होता है और वहां से उत्तरी गोलार्द्ध जाता है। साल के समाप्त होने (दिसम्बर माह) तक सूरज उत्तरी गोलार्द्ध से होकर पुनः दक्षिणी गोलार्द्ध पहुचं जाता है। इस तरह से सूरज साल में दो बार भू-मध्य रेखा के ऊपर से गुजरता है। इस समय को विषुव (equinox) कहते हैं। यह इसलिये कि, तब दिन और रात बराबर होते हैं। यह सिद्धानतः है पर वास्तविकता में नहीं … आजकल यह समय लगभग 20 मार्च तथा 23 सितम्बर को आता है। जब यह मार्च में आता है तो हम (उत्तरी गोलार्द्ध में रहने वाले) इसे महा/बसंत विषुव (Vernal/Spring Equinox) कहते हैं तथा जब सितम्बर में आता है तो इसे जल/शरद विषुव (fall/ Autumnal Equinox) कहते हैं। यह उत्तरी गोलार्द्ध में इन ऋतुओं के आने की सूचना देता है।’

विषुव भी खिसक रहा है। इसे विषुव अयन (precession of equinoxes) कहते हैं। इसका कारण कुछ इस प्रकार है,

‘पृथ्वी अपनी धुरी पर २४ घन्टे में एक बार घूमती है। इस कारण दिन और रात होते हैं। पृथ्वी की धुरी भी घूम रही है और यह धुरी २५,७०० साल में एक बार घूमती है। यदि आप किसी लट्टू को नाचते हुये उस समय देखें जब वह धीमा हो रहा हो, तो आप देख सकते हैं कि वह अपनी धुरी पर भी घूम रहा है और उसकी धुरी भी नाच रही है। विषुव का समय धुरी के घूमने के कारण बदल रहा है। इसी लिये pole star भी बदल रहा है। आजकल ध्रुव तारा पृथ्वी की धुरी पर है और दूसरे तारों की तरह नहीं घूमता। इसी लिये pole star कहलाता है। समय के साथ यह बदल जायगा और तब कोई और तारा pole star बन जायगा।’

सारी सभ्यताओं में जब ज्योतिष शुरू हुई उस समय सूर्य मेक्ष राशि में रहता है। इसीलिये राशिफल मेष राशि से शुरू होता हैं। इसी श्रंखला की चिट्ठी ‘ज्योतिष या अन्धविश्वास‘ में मैंने यह भी बताया था कि विषुव अयन के कारण क्यों ज्योतिष अपने तर्क पर गलत है।

‘ज्योतिष/ खगोलशास्त्र के शुरु होने के समय, विषुव अप्रैल के माह में आता था, इसीलिये राशि चक्र मेष से शुरु होता है। अब यह मार्च के महीने में आ गया है यानी कि मीन राशि में आ गया है। यदि ज्योतिष का ही तर्क लगायें तो जो गुण ज्योतिषों ने मेष राशि में पैदा होने वाले लोगों को दिये थे वह अब मीन राशि में पैदा होने वाले व्यक्ति को दिये जाने चाहिये। यानी कि, हम सबका राशि फल एक राशि पहले का हो जाना चाहिये पर ज्योतिषाचार्य तो अभी भी वही गुण उसी राशि वालों को दे रहे हैं।’

कुछ दिन पहले यही बात मुझे यूट्यूब पर मिल गयी।

इसे देखें।

आप यह बातें आसानी से समझ सकेंगे।

यह यूट्यूब मैंने उन्मुक्त चिट्ठे की कड़ी पर भी डाल दी है। यदि आप इस श्रंखला को आप एक साथ पढ़ना चाहें तो मेरे लेख चिट्ठे की चिट्ठी ‘ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके‘ पर पढ़ सकते हैं।

उन्मुक्त की पुस्तकों के बारे में यहां पढ़ें।

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यह ऑडियो फाइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप –

  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में – सुन सकते हैं।

बताये गये चिन्ह पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर लें।

सांकेतिक शब्द

Astronomy, Astronomyculture, Family, fiction, life, Life, Religion, खगोलशास्त्र, विज्ञानजीवन शैली, दर्शनधर्म, धर्म- अध्यात्म, विज्ञान, समाज, ज्ञान विज्ञान,

के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

One Response to राशिफल का मेष राशि से शुरु और ज्योतिष का अपने तर्क पर गलत होना

  1. आपकी यह सभी पोस्ट में पढ़ रहा हूंं। क्या ऐसा नहीं लगता कि खगोलशास्त्र और ज्योतिष अलग अलग विषय हैं। कहीं एसा तो नहीं खगोलशास्त्र की खोज को ज्योतिष अपने लाभ की दृष्टि से अपनी व्याख्यायें प्रस्तुत कर लोगों का भरमाते है।
    हिंदू पंचांग में सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण जिस दिन लिखा होता है उसी दिन होता है। आखिर उसे किसका हिस्सा माना जाये। खगोल शास्त्र का या ज्योतिष का। आपने लिखा है कि पहले के ज्योतिषाचार्य उच्चकोटि के खगोल शास्त्री थे। हम क्या नहीं केवल यह नहीं कह सकते कि वह उच्चकोटि के खगोलशास्त्री थे। क्या हम भारतीय ज्योतिष को खगोलशास्त्र से अलग देखने का कोई आधार बना सकते हैं। ज्योतिष के नाम पर जो ढोंग चल रहा है उसके रोकने के लिये यह मुझे जरूरी लगता है कि इन दोनों विषयों को अलग कर देखा जाये। बहरहाल आपके सभी लेख दिलचस्प हैं और मैं इनको पढ़कर इस पर स्वयं भी लिखने का विचार करूंगा। आप इस विषय पर बहुत बढ़िया ढंग से लिख रहे हैं
    दीपक भारतदीप

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