वर्ड प्रेस डाट कॉम के चिट्ठे पर फॉन्ट का आकार कैसे बढ़ांये

मैं वर्ड प्रेस दो चिट्ठे छुट-पुट और लेख लिखता हूं। छुट-पुट पर छुटपुट बातें रहती हैं इसलिये मैं चाहता था कि मैं ऐसी थीम का चयन करूं जिसके कॉलम की चौड़ाई कम हो। एक नयी थीम Fjords04 आयी। यह चार कॉलम में है और इसलिये हर में कॉलम की चौड़ाई कम है। यह थीम मेरे इस चिट्ठे के लिये उपयुक्त है। मैंने इसे प्रयोग कर अज्ञात चिट्ठेकारों की खैर नहीं नामक चिट्टी पोस्ट की। इस पर टिप्पणियां आयीं की फॉन्ट का आकार छोटा है इसको बड़ा करू।

मेरी समझ में नहीं आया कि यह मैं कैसे करूं। मैंने अपनी यह मुश्किल गूगल हिन्दी समूह चिट्टाकार में रखी। इसके बारे में चर्चा यहां देख सकते हैं। इसमे सबसे अच्छा हल जगदीश भटिया जी ने बताया है। इसके लिये आपको चिट्टी की शुरूवात में कोड मोड पर जा कर <font size =”3″> का टैग लगाना है और अन्त में इसे </font> के टैग से बन्द कर देना है। है न कितना आसान। मैंने कुछ और चिट्ठियों के फॉन्ट का आकार बड़ा कर दिया पर अधिकतर का आकार वैसे ही है। आप उन चिट्ठियों को देख कर पहले के आकार का अन्दाज लगा सकते हैं।

इससे यह भी पता चलता है कि हिन्दी चर्चा समूहों का कितना फायदा है और हम एक दूसरी की कितनी जलदी सहायता करते हैं।

यदि मुन्ने की मां के साथ जापान की यात्रा करना चाहें तो उसकी सायोनारा… जापान चिट्ठी यहां पढ़ सकते हैं।

के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

3 Responses to वर्ड प्रेस डाट कॉम के चिट्ठे पर फॉन्ट का आकार कैसे बढ़ांये

  1. और मैं सोचता था कि इस चार खंबों वाली थीम को कौन लेना चाहेगा, पर सच आपने इसका सही प्रयोग किया है।
    आपको मालूम है मुझे HTML का क ख ग भी नहीं पता।
    शुरू में मैं एक डेस्कटाप साफ्टवेयर से पोस्ट करता था। एक बार जब बड़े फोंट में की एक पोस्ट को एडिट करने लगा तब इस टैग को देखा। इसके बाद हमेशा इस टैग का प्रयोग करता हूं 🙂

  2. इससे यह भी पता चलता है कि हिन्दी चर्चा समूहों का कितना फायदा है और हम एक दूसरी की कितनी जलदी सहायता करते हैं।

    लीजिये मुझॆ आज ही जरूरत थी इस HTML कोड की क्यों कि मेरे चिट्ठे का फोंट अचानक छॊटा हो गया था। और आपने मेरी मदद कर दी। 🙂
    नई थीम खास अच्छी नहीं लगी। अगर फॉटो लगाने हों तो बड़ी मुश्किलें आयेगीइस थीम में।

  3. आशीष says:

    उनमुक्तजी,
    नया टेम्पलेट पसंद नही आया 😦

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