सहायता और सुझाव

सबसे पहले आप सबको क्रिस्मस की बधाई।
सहायता की आपेक्षा
कुछ दिन पहले मैंने अपने उन्मुक चिट्ठे पर एक चिट्ठी कॉनटिकी अभियान और दूसरी उसके नायक Thor Heyerdahl के बारे में लिखी थी। मुझे Thor Heyerdahl का सही उच्चारण नहीं मालुम है इसलिये इसे हिन्दी विकीपीडिया पर नहीं डाल पाया हूं। यदि कोई चिट्ठाकार बन्धु इसका उच्चारण, देवनागरी में टिप्पणी कर बता देगा तो मैं इस सामग्री को हिन्दी विकिपीडिया पर डाल सकूंगा।
इस चिट्ठी के बाद कुछ सुझाव मिले। मुझे यह नाम थूर हायरडॉह्ल लगा।  क्या यह ठीक है?
अब एक सुझाव

मैं, लगभग १८ महीने से, हफ्ते में एक बार हिन्दी में बकबक नाम से पॉडकास्ट कर रहा हूं। लेकिन पॉडकास्ट करने के बाद मुझे उसके बारे में एक चिट्ठी भी पोस्ट करनी पड़ती है ताकि लोगों को पता चले। पॉडकास्ट करना, चिट्ठी लिखने से कहीं ज्यादा आसान है। इसका प्रयोग आगे बढ़ेगा। हिन्दी चिट्ठों के चार प्रमुख फीड एग्रेगेटर – चिट्ठाजगत; ब्लागवाणी; नारद; और हिन्दीबलॉग डॉट कॉम – हैं। यदि किसी चिट्ठी में पॉडकास्ट या फिर

हिन्दी चिट्ठों के फीड एग्रेगेटर यदि हिन्दी पॉडकास्टों की प्रविष्टियों की सूचना दे दें तो अच्छा हो।

विडियोकास्ट हो तो बता देते हैं पर शायद यदि पॉडकास्ट के बारे में कोई चिट्ठी न हो, तो नहीं बताते हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि हिन्दी चिट्ठियों के साथ यह पॉडकास्ट की भी सूचना दें? इससे उसके बारे में चिट्ठी लिखने से छुट्टी मिलेगी और ठीक से पता चलेगा कि कतने लोग सुनते हैं।

यह काम मुश्किल है कि आसान – यह तो तकनीक से जुड़े लोग बता पायेंगे पर मेरे विचार से आसानी से होना चाहिये, क्योंकि सारे पॉडकास्ट अपनी फीड देते है। मेरे पॉडकास्ट की RSS फीड यह है और फीड बर्नर से बनी फीड यह है।

हां, मैंने आज ही अपना नया पॉडकास्ट Scott’s Last Expedition अपलोड किया है। यह इस पुस्तक की समीक्षा है।

यह ऑडियो फाइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप –

  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC media player में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में –

सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

 

Scott's Last Expedition
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वर्ड प्रेस डाट कॉम के चिट्ठे पर फॉन्ट का आकार कैसे बढ़ांये

मैं वर्ड प्रेस दो चिट्ठे छुट-पुट और लेख लिखता हूं। छुट-पुट पर छुटपुट बातें रहती हैं इसलिये मैं चाहता था कि मैं ऐसी थीम का चयन करूं जिसके कॉलम की चौड़ाई कम हो। एक नयी थीम Fjords04 आयी। यह चार कॉलम में है और इसलिये हर में कॉलम की चौड़ाई कम है। यह थीम मेरे इस चिट्ठे के लिये उपयुक्त है। मैंने इसे प्रयोग कर अज्ञात चिट्ठेकारों की खैर नहीं नामक चिट्टी पोस्ट की। इस पर टिप्पणियां आयीं की फॉन्ट का आकार छोटा है इसको बड़ा करू।

मेरी समझ में नहीं आया कि यह मैं कैसे करूं। मैंने अपनी यह मुश्किल गूगल हिन्दी समूह चिट्टाकार में रखी। इसके बारे में चर्चा यहां देख सकते हैं। इसमे सबसे अच्छा हल जगदीश भटिया जी ने बताया है। इसके लिये आपको चिट्टी की शुरूवात में कोड मोड पर जा कर <font size =”3″> का टैग लगाना है और अन्त में इसे </font> के टैग से बन्द कर देना है। है न कितना आसान। मैंने कुछ और चिट्ठियों के फॉन्ट का आकार बड़ा कर दिया पर अधिकतर का आकार वैसे ही है। आप उन चिट्ठियों को देख कर पहले के आकार का अन्दाज लगा सकते हैं।

इससे यह भी पता चलता है कि हिन्दी चर्चा समूहों का कितना फायदा है और हम एक दूसरी की कितनी जलदी सहायता करते हैं।

यदि मुन्ने की मां के साथ जापान की यात्रा करना चाहें तो उसकी सायोनारा… जापान चिट्ठी यहां पढ़ सकते हैं।

वर्ड प्रेस पर हिन्दी चिट्ठे की एक और मुश्किल और उसका हल

मुझे वर्ड प्रेस के हिन्दी चिट्ठे मे कई ऐसी मुशकिलों का सामाना करना पड़ रहा है जो कि ब्लौगर वाले चिट्ठे में नहीं हैं। इनमे से एक के बारे मे मैने Error 404 की चिट्ठी मे बताया था। उस मुश्किल को पार करने बाद मैने यही समझा था कि अब कोई और मुश्किल का सामना नहीं करना पड़ेगा, पर मैं गलत था।

मैने जून के प्रथम और अन्तिम सप्ताह मे ‘ओपेन सोर्स सौफ्टवेयर एवं लिनेक्स‘ और ‘साधू, फुटबाल, और संगम‘ नामक दो चिट्ठियां पोस्ट कीं। इन पर शायद कोई पाठक आयें हों पर कोई टिप्पणी नहीं आयी। मेरी चिट्ठियों के साथ अक्सर ऐसा ही होता है इसलिये मैने इसे साधारण बात मान कर कोई गौर नहीं किया।

जुलाई के प्रथम सप्ताह में ‘साधू, फुटबाल, और संगम’ पर देबाशीष जी ने पहली टिप्पणी की – मैने उसे तुरन्त पढ़ी। उन्होने लिखा कि कि मेरी RSS feed काम नहीं कर रही है, मै उसे ठीक करूं।

मैं लिनेक्स पर काम करता हूं। सारी RSS feed को थन्डर बर्ड पर देखता हूं। उसमे RSS feed एकदम ठीक चल रही थी। मैने उन्हें जवाब दिया कि मेरे विचार से तो ठीक है वे कैसे कह सकते हैं कि यह काम नहीं कर रही है।

देबाशीष जी ने वापस ईमेल भेजी कि यह विन्डोस़ मे इंटरनेट एक्सप्लोरर पर काम नहीं कर रही है। क्योंकि ज्यादातर लोग इंटरनेट एक्सप्लोरर पर चिट्ठों को देखते हैं इसलिये वे लोग इन चिट्ठियों को नहीं देख पा रहें होंगे। उन्होने यह भी बताया कि RSS feed चल रही है या नहीं, यह चेक करने का सबसे अच्छा तरीका है कि इंटरनेट एक्सप्लोरर पर चिट्ठा खोल कर जहां RSS feed लिखा है, वहां पर क्लिक करें। यदि खुल जाय तो ठीक है, नहीं तो समझ लो कि यह काम नहीं कर रही है। मैने इस चिट्ठे पर एक नयी श्रेणी ‘बौद्धिक सम्पदा अधिकार’ डाली थी उनके अनुसार यह नयी श्रेणी ही गड़बड़ी की सारी जड़ है।

मेरा कमप्यूटर विन्डोस़ पर नहीं है। इसलिये मैने साईबर कैफे की शरण ली। देवाशीष जी की बात तो सही थी चिट्ठा ‘बौद्धिक सम्पदा अधिकार’ पर पहुंच कर अटक जाता था। मैने इस श्रेणी को हटा दिया और उसके बाद चिट्ठियों को पुन: save कर लिया। अब RSS feed, इंटरनेट एक्सप्लोरर पर ठीक चलने लगी। इससे लगा कि वर्ड प्रेस के चिट्ठे पर हिन्दी मे श्रेणियां छोटी बनाओ या फिर अंग्रेजी मे बनाओ।

इन सब के बाद लगा कि,

  • हिन्दी चिट्ठे प्रेमियों का आपस का प्रेम ही इसे जीवन प्रदान कर रहा है यदि देबाशीष जी यह कमी नहीं बताते तो शायद मुझे पता ही नहीं चलता; और
  • कुछ पैसा खर्चा करना पड़ेगा – विन्डोस़ और साथ मे नौर्टन एन्टी वायरस की कौपी लेनी पड़ेगी या फिर … 🙂

यदि आप, Trans-gendered के बारे में कुछ जानना चाहें तो उसे मेरे उंमुक्त चिठ्ठे पर यहां देख सकते हैं।

मैने उन्मुक्त के चिट्ठे पर पेटेंट की एक सिरीस शुरू की है यह चार भागों मे है। इसकी भूमिका आप मेरे उन्मुक्त चिट्ठे पर यहां पढ़ सकते हैं और यदि आप इसे पढ़ने के बजाय इसे सुनना पसन्द करें तो इसे मेरे बकबक चिट्ठे पर यहां सुन सकते हैं। यह यह ऑडियो क्लिप, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,

  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में,

सुन सकते हैं।

मैने इसे ogg फॉरमैट क्यों रखा है यह जानने के लिये आप मेरे उन्मुक्त चिट्ठे की शून्य, जीरो, और बूरबाकी की चिट्ठी यहां पढ़ सकते हैं।

Error 404

मैं कमप्यूटर विशेषज्ञ नहीं हूं और वर्ड प्रेस पर कुछ समय पहले चिठ्ठा लिखना शुरू किया है| चिठ्ठी पोस्ट करते समय मेरे चिठ्ठे का प्रिय दृश्य है – Error 404. कुछ दिन पहले, मै जब ‘चार बराबर पांच, पांच बराबर चार, चार…’ की चिठ्ठी पोस्ट कर रहा था तब दो उलझने पड़ीं:

  • Error 404 का दृश्य जो मेरा पीछा ही नहीं छोड़ रहा था; और
  • चिठ्ठी की उलझन, जो कि चिठ्ठी मे वर्णित है

मैने वर्ड प्रेस की FAQ जा कर देखा| उसमे लिखी कोई भी गलती नहीं की फिर भी आंखों के सामने का दृश्य Error 404 ही रहा| सर्वज्ञ मे देखा तो भी कोई सहायता नहीं मिली| यही चिठ्ठी बार बार प्रकाशित किये जा रहा हूं पर Error 404 जहां की तहां| लगा पाठकगण भी परेशान हो रहें होंगे और नारद जी नाराज – कितनी बार वही चिठ्ठी पोस्ट करोगे|

मैं परिचर्चा मे गया वहां भी कोई हल नहीं मिला| एक जगह जहां वर्ड प्रेस के चिठ्ठे की मुशकिलों की बात हो रही थी वहीं पर (जो मुशकिल मुझे यहां पड़ रही थी) इसको लिख कर वापस एक दूसरे वर्ड परेस के ब्लौग पर प्रयोग करना शुरू किया| कुछ कोशिशें और गलती के बाद कुछ हल निकाला| मैने चिठ्ठी प्रकाशित कि और हल को परिचर्चा पर जहां मुशकिल लिखी थी वहां लिख दिया|

कुछ देर बाद रमन जी की ईमेल आयी जिसमे दोनो उलझनो का कुछ हल था| मैने उनसे प्रार्थना की के वे उसे परिचर्चा मे वहीं लिख दें जहां मैने उसका जिक्र किया है ताकि औरों को सहायता मिल सके| उन्होने वैसा ही किया और मुझसे मेरी कोशिश और गलतियों के बाद जो और पता चला हो उसे भी वंही लिखने को कहा| मैने भी वैसा किया| यह यहां पर है|

अभी तक इस पर किसी विशेषज्ञ की नजर नहीं पड़ी थी| कुछ ही घन्टों के अन्दर निरुला जी की नजर इसमे पड़ी और उन्होने इसका एकदम ठीक विशलेषण कर के नयी लिंक मे यहां पर लिखा| यदि आप कमप्यूटर विशेषज्ञ नहीं है और वर्ड प्रेस पर चिठ्ठा लिखते हैं या लिखने की सोचते हैं तो इन दोनो लिंक को अवश्य देखें| यह आपको सहायता करेगा और मेरा सुझाव है कि सर्वज्ञ मे जहां ब्लौगर पर चिठ्ठा बनाने की बात लिखी है वहां पर इसे भी जोड़ दिया जाय क्योंकि यह मुशकिल वर्ड प्रेस के हिन्दी चिठ्ठे मे ही है अंग्रेजी के चिठ्ठे मे नहीं|

यह पूरा घटना चक्र परिचर्चा के महत्व को उजागर करता है मै पुन: इसके बनाने वालों को बधाई देता हूं|

एक बात और, यदि आप,

  • युवा फाइनमेन के बारे मे जानने के लिये उत्सुक हों; या
  • नारद जी की छड़ी पहेली के अन्य रूप जानना चाहते हों;

तो उसे मेरे उंमुक्त नाम के चिठ्ठे पर

की पोस्ट पर पढ़ सकते हैं|

मेरी चिठ्ठी पोस्ट करने की उलझन तो चली गयी| टिप्पणियों मे सबके जवाब सही हैं| पर फिर भी चिठ्ठी के विषय के बारे मे उलझन अभी भी बनी हुई है| उसके दूर होने के लिये थोड़ा और इंतज़ार कीजिये।