मुफ्त बांटे – पैसा कमायें
मार्च 29, 2008 9 टिप्पणियां
‘वाह जी वाह, क्या बात है। मुफ्त बांटा जाय और पैसा कमाया जाय। लगता है कि उन्मुक्त जी पर होली का नशा नहीं उतरा है।’
चलिये मैं आपको कुछ दिन पहले अफ्रीका के एक वित्तीय संस्थान के अफसर की बात बताता हूं। उसने कहा कि, आजकल उनके वित्तीय संस्थान का काम बहुत अच्छा चल रहा है। लोगों को आश्चर्य हुआ। उन्होने इसका कारण कुछ यह बताया।
‘अफ्रीका में लोग बैंकों में दो कारणों से पैसा नहीं रखते हैं।
- उनके पास बैंक में रखने के लिये पैसा नहीं है
- उनके पास सूचना का आभाव है।
वहां पर अधिकतर लोग किसान हैं। लोग उनसे सस्ते में गल्ला खरीदते हैं फिर शहर के बज़ार में महंगे में बेच देते हैं। वित्तीय संस्थानों ने सबको मोबाईल फोन मुफ्त में बाटें। इस कारण वे शहर में फोन के द्वारा सही दाम पता कर लेते हैं और लोगों से अपनी फसलों के सही दाम मांगते हैं। इस तरह से लोगों के पास पैसा आने लगा, वे बैंकों में खाते खुलवाने लगे और पैसा रखने लगे।’
इस तरह की कुछ बात मुझे केरल में भी सुनायी पड़ी। वहां मछुवारे मछली पकड़ते ही मोबाइल से दाम मालुम करने लगते हैं और वहीं अपनी नाव ले जाते हैं जहां मछली के लिये सबसे अच्छे दाम मिले।
ओपेन सोर्स की भी यही कहानी है। लोग अक्सर सोचते हैं कि ओपेन सोर्स पर किसी एक का मालिकाना हक होना संभव नहीं है; इसके लिये पैसा नहीं लिया जा सकता है – इसलिये इससे पैसा नहीं कमाया जा सकता। यह सोच गलत है। ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर मुफ्त बांटने का यह मतलब नहीं है कि इससे पैसा नहीं कमाया जा सकता। यह उसी तरह की युक्ति है जैसी कि अफ्रीका के वित्तीय संस्थानों ने की।
ओपेन सोर्स में, पैसा कमाने का तरीका, मालिकाना सॉफ्टवेयर से अलग है। शायद, यही बेहतर तरीका है। इसलिये एक्सट्रामॅड्यूरा (Extremadura) में ओपेन सोर्स को बढ़ावा दिया जा रहा है।
एक्सट्रामॅड्यूरा, स्पेन का स्वाशासित (autonomous) पश्चमी भाग है
‘एक्सट्रामॅड्यूरा (Extremadura)? भईये, यह किस जगह का नाम है?’
एक्सट्रामॅड्यूरा, स्पेन का स्वाशासित (autonomous) पश्चमी भाग है। इतिहास ने इसे हमेशा नज़र अन्दाज़ किया पर अब वह उपेक्षित नहीं रहना चाहता – इसलिये उसने तय किया है कि वह ओपेन सोर्स को बढ़ावा देगा। उन्होने अपने लिये लिनेक्स का नया वितरण लिनएक्स (LinEx) निकाला है। यह लिनेक्स के डेबियन (Debian) वितरण को अपनी जरूरतों को देखते हुऐ बदला गया है। सारे शिक्षा संस्थनो में केवल इसी का प्रयोग हो रहा है। उनके सात लाख डेस्कटॉप और चार सौ सर्वर केवल लिनेक्स में ही चल रहे हैं।
एक्सट्रामॅड्यूरा में लिनएक्स का मंगलकारी चिन्ह (Mascot) सटॉर्क (Stork) चिड़िया है।
यह इसलिये कि वे सोचते हैं जिस तरह से यह चिड़िया आकाश में ऊंचे उड़ सकती है, ओपेन सोर्स के जरिये वे भी ऊंचे उठ पायेंगे।
यह और क्या, क्या कर रहें हैं, किस प्रकार कर रहे हैं – यह आप स्वयं यूरोन्यूस् (EuroNews) की इस क्लिप में देख लिजिये।
सांकेतित शब्द
Internet, technology, Science, सूचना प्रद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेर, सॉफ्टवेर, सौफ्टवेर, आईटी, अन्तर्जाल, इंटरनेट, इंटरनेट, टेक्नॉलोजी, टैक्नोलोजी, तकनीक, तकनीक, तकनीकी,
Stork, Extremadura, Linux, LiNex,
उबुन्टु भी मुफ़्त में बांटा जाकर देखते देखते दैत्य हो गया, और अब व्यावसायिक राह पर आ गया है.
आपके चिट्ठे पर बाजू में भोमियो का लिंक दिया गया है. भोमियो बन्द हो चुका है. अब या तो आप चिट्ठाजगत का गिरगिट या ब्लॉगवाणी का इंडीनेटर की कड़ी वहां लगा दें.
अरे बाबा एकदम सत्य कह रहे हैं आप अबी तो उबंटू भी मुफ्त नहीं रहा
अरे ये क्या ये तो आपने बाटने का नाम लेकर पोस्ट ठेली है,हम तो शीर्षक देखते ही यहा भागे आये,कि हमसे पहले कोई वो पैसा जो आप बाटने वाले है कोई और ना लेजाये..:)
चलिये जी लेकिन ये याद रखिये आपकुछ भी फ़ोकट मे देने वाले होप तो बंदा सबसे पहले हाजिर है..बल्की आप किसी और से तो बात ही न करे हम थोक मे ले लेगे..जो भी आप दे..:)
अच्छी खबर है.
सब तो नही पर कुछ-कुछ पल्ले पड़ा।
सारी बाते समझ में आयी मगर ऑपन सोर्स से पैसे कमाने वाली ज्यादा स्पष्ट नहीं हुई, या मैं समझ नहीं पाया।
संजय जी, मालिकाना सॉफ्टवेयर में पैसे सॉफ्टवेर प्रयोग करने के लिये शुरू में ही ले लिये जाते हैं। ओपेन सोर्स में सॉफ्टवेयर प्रयोग के लिये पैसे नहीं लिये जा सकते हैं। यह मुफ्त रहता है यानि कि पैसे पहले नहीं लिये जाते हैं पर बाद में पैसे सर्विस के लिये, यदि वह आप लेते हैं, तो लिये जाते हैं। अथार्त पहले मुफ्त पर बाद में फायदा। – उन्मुक्त
धन्यवाद उन्मुक्तजी. यही बात एक बार अफ्लातुनजी से मैने कही थी, की ऑपन सोर्स से भी कमाया जाता है। पूँजीवादी (??) जहाँ अपने सॉफ्टवेर के पैसे पहले ले लेते है, बादमें सर्विस मुफ्त में देते है, ऑपन सोर्स में उलटा होता है. इसे मुफ्त न समझें। अब आप द्वारा यही कहे जाते से उन्हे विश्वास हो जायेगा 🙂
संजय जी, बहुत से लोगों का ख्याल है कि ओपेन सोर्स साम्यवादी विचार-धारा से प्रभावित है। मैंने यही बात कुछ हिन्दी चिट्ठों पर पढ़ी। यह अक्सर साम्यवादी विचार धारा के लोग अपनी विचारधारा को बेहतर बताने के लिये कहते हैं। यह एकदम गलत है। इसका जन्म न तो रूस में हुआ न चाइना में। इसका साम्यवादी विचार धारा से कोई लेना देना नहीं। इसका जन्म ठेठ पूंजीवादी देश अमेरिका में हुआ है। यह केवल व्यापार करने का तरीका है पर इसका तरीका मालिकाना सॉफ्टवेयर से कई तरह से बेहतर है। यही कारण है कि इसका भविष्य सुनहरा है। इसकी खासियत है कि,
इसमें बौद्धिक सम्पदा अधिकार के लफड़े सबसे कम हैं।
यदि आप चाहें तो स्वयं सब कुछ कर सकते हैं।
यह आपको एक ऐसी स्वतंत्रता देता है जो मालिकाना सॉफ्टवेयर नहीं देता है।
इसके बारे में, मैंने यहां लिखा है। इसके सुनहरे भविष्य के कारण माईक्रोसॉफ्ट भी इसे अपना रहा है। – उन्मुक्त
अच्छा लगा , आभार !
In this clip the narrator has wrongly called Free Software Freeware — which is incorrect. Freeware is Not Free or Open Source software.