क्या साईकिल प्रेम से जीवन बदल सकता है

यह चित्र डैनी मैकास्किल की वेबसाइट से है। जिसका लिंक नीचे दिया हुआ है।

यदि आप यह सोचते हैं कि साईकिल प्रेम या इसे चलाने से जीवन नहीं बदल सकता या फिर जीवन-व्यापन नहीं किया जा सकता तब आप गलत हैं – मिलिये डैनी मैकास्किल से।

डैनी अपने मित्र के साथ एपार्टमेंट को साझा करते हैं। उनका रोज की दिनचर्या – सुबह तैयार हो कर साईकिल पर अपने काम के लिये निकलो। रास्ते में एक लोहे की छड़ों की चहारदिवारी (fence) मिलती थी। उन्हें लगता था कि क्यों न इसके ऊपर साईकिल चला कर देखें।

एक दिन हिम्मत कर, फैंस के ऊपर साईकिल चला ली। फिर, अपने मित्र के साथ छः महीने में एक विडियो खींचा और उसे यूट्यूब में डाल दिया। इस यूट्यूब ने न केवल दुनिया भर के साईकिल चालकों का जीवन बदल दिया पर उनका भी। यह वीडियो अभी तक, लगभग १ करोड़ ३४ लाख बार देखा जा चुका है। यह यूट्यूब के खेल वीडियो के इतिहास में सबसे लोकप्रिय वीडियो है।

इसके बाद, उनके पास फिल्म बनाने वाले आने लगे वे उस पर फिल्म बनाना चाहते हैं। विज्ञापनों वाले लोग आ रहे हैं। वे उसे विज्ञापनों में रखना चाह रहें हैं। सर्कस वाले उसके साथ करने में इच्छुक है। क्या है इस वीडियो में – आप खुद ही देख लीजिये।

क्या आपको मालुम है कि शुभा मेरी पत्नी (मुन्ने की मां) ने इस वीडियो को देखने बाद क्या किया? नहीं मालुम?

और क्या, मेरा साईकिल चलाना बन्द हो गया है 😦

डैनी मैकास्किल की अपनी वेबसाइट यहां है और इस कहानी के बारे में आप विस्तार से न्यूयॉर्क के लेख को यहां पढ़ सकते हैं।

हिन्दी में नवीनतम पॉडकास्ट Latest podcast in Hindi
सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:

Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. his will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)

यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो दाहिने तरफ का विज़िट,

बकबक पर पॉडकास्ट कैसे सुने
देखें।

सांकेतिक शब्द

bicycle, stunt, Danny MacAskill,

के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

4 Responses to क्या साईकिल प्रेम से जीवन बदल सकता है

  1. अद्भुत अविश्वसनीय
    कड़ोर =करोड़

    मिश्र जी, धन्यवाद। मैंने ठीक कर दिया है। बड़ी पैनी नजर है – उन्मुक्त

  2. मैथिली says:

    सब कुछ इतना सधा हुआ कि अगर ये अपनी साइकिल आकाश के बादलों पर भी चलायें तो विश्वास हो कि वाकई बादलों पर चल रही होगी.

  3. अच्छी पोस्ट है। अब प्लग इन डाउनलोड करके साइकिल चलाना देखेंगे। अभी केवल पोस्ट बांचकर कमेंट किया।

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