ऑडियो फाइल सम्पादक और अरुणा जी का दूसरा सवाल
अप्रैल 1, 2007 2 टिप्पणियां
अरुणा जी के पहले सवाल का जवाब पॉडकास्ट से देने के बाद उनका ईमेल आया,
‘मैं तो सोचती थी कि मेरी आवाज भी पॉडकास्ट में रहेगी।’
यह प्रयोग अब और रोचक हो चला। मैंने उनकी आवाज शामिल करने के तरीकों पर विचार करना शुरू किया। मुझे इसके तीन तरीके संभव लगे,
- रिकॉर्डिंग एक जगह की जाय। यह तो संभव है नहीं, अरुणा जी हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली में रहती हैं और मैं एक छोटे से कसबे में;
- उनकी आवाज फोन से रिकॉर्ड की जाय। मुझे फोन या चैट से एलर्जी है – ईमेल ही पसन्द आती है;
- अरुणा जी अपनी आवाज रिकॉर्ड कर ईमेल से भेजें और मैं उसे पॉडकास्ट में शामिल करूं।
मुझे तीसरा तरीका ही पसन्द आया। इसके लिये मुझे एक ऑडियो फाइल सम्पादक की जरूरत पड़ी। इसको ढ़ूढ़ने पर मुझे लगा कि इसका सबसे अच्छा प्रोग्राम ऑडेसिटी है। इस प्रोग्राम में कई अच्छी बातें हैं,
- यह सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में चलता है यानि कि विंडोज़, लिनेक्स, और मैक तीनो में;
- यह न केवल मुफ्त है पर मुक्त भी यानि की ओपेन सोर्स है;
- यह न केवल ऑडियो प्लेयर है पर यह ऑडियो फाइल सम्पादक भी है। इसमें ऑडियो फाइल उसी तरह से सम्पादित की जा सकती हैं जैसे कि आप वर्ड प्रोसेसर में अपना दस्तावेज सम्पादित करते हैं, यानि कि कट-पेस्ट या फिर कॉपी-पेस्ट चलता है;
- यह हर तरह के फॉरमैट की फाइल बजा लेता है, यानि कि ogg फॉरमैट की भी। विंडो मीडिया प्लेयर जो कि विंडोज़ का डिफॉल्ट प्लेयर है वह ogg फॉरमैट की फाइलें नहीं बजा पाता। ogg फॉरमैट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुक्त है ओपेन सोर्स है जब कि wav या फिर mp3 फॉरमैट मालिकाना है। मैं न केवल मुक्त फॉरमैट में ही काम करना चाहता हूं पर यह भी विश्वास करता हूं कि यह बेहतरफॉरमैट है। इस फॉरमैट के बारे में आप मेरी इस चिट्ठी में पढ़ सकते हैं;
- यह एक फॉरमैट से दूसरे फॉरमैट में बदलने की सुविधा भी देता है। अरुणा जी ने क्लिप wav फॉरमैट में भेजी जिसे मैंने ogg फॉरमैट में बदल कर पॉडकास्ट में रखा।
अरुणा जी का दूसरा सवाल है कि
‘ब्लॉग, पॉडकास्ट, और विडियोकास्ट क्या होता है और इसमें क्या अन्तर है?’
पॉडकास्ट क्या होता है इस पर उनके विचार भी हैं। इन विचारों से मुझे पॉडकास्ट का नया आयाम समझ में आया।
‘उन्मुक्त जी, आपको क्या नया आयाम समझ में आया, जरा हमें भी तो बताइये।’
अरे मैं क्यों बताऊं, आप यहां जा कर स्वयं अरुणा जी की मीठी आवाज में सुन लीजये।
अरुणा जी की आवाज सुनते समय कुछ ध्वनि की प्रबलता बढ़ानी पड़ेगी। उनकी आवाज की रिकॉर्डिंग में कुछ खरखराहट भी है। मैं कुछ नहीं कर सकता था, अरुणा जी के द्वारा भेजी रिकॉर्डिंग ही ऐसी थी। मेरे लिनेक्स गुरु का कहना है कि,
‘यह विंडोज़ में रिकॉर्ड करने के कारण है 🙂 ‘
मुझे नहीं मालुम कि विंडोज़ में आवाज रिकॉर्ड करने का क्या अच्छा तरीका है ताकि उसमें खरखराहट न रहे। यदि आपको मालुम है तो टिप्पणी कर बतायें ताकि अरुणा जी उसी तरह से आवाज रिकॉर्ड कर भेजें।
आप सोचेंगे कि कितना अजीब सवाल है कि कोई विंडोज़ पर काम करने के तरीके को पूछे। यह इसलिये है कि मैं लिनेक्स में ही काम करता हूं। ओपेन सोर्स कुछ मुश्किल नहीं है बस मन बनाने की बता है। जहां चाह वहां राह।
अगले पॉडकास्ट पर मैं अरुणा जी के सवाल पर अपने विचार रखूंगा।
वैसे, आप एक और काम कर सकते थे – फ़ेस्टिवल जैसे लिनक्स पर चलने वाले स्पीच सिंथेसाइज़र से लिखी हुई हिन्दी की ऑडियो फ़ाइल बनाकर…
परंतु फिर मशीनी आवाज में किसे मजा आता!
रवी जी
जहां तक मुझे मालुम है festival केवल अंग्रेजी text को आवाज में बदलता है जैसे कि विंडोज़ में Naturally Speaking. पर क्या यह हिन्दी में लिखे को भी आवाज में बदल देता है?