बकबक सुनना, हुआ आसान

‘उन्मुक्त जी, यह भी कोई बात हुई। बकबक कौन सुनना चाहता है?’

अरे भाई, अरे बहना, मैं उस बकबक की बात नहीं कर रहा हूं मैं तो अपने पॉडकास्ट  ‘बकबक‘ की बात कर रहा हूं। मैं अपने पॉडकास्टों को ऑग (ogg) मानक (format) में करता हूं। इसी लिये, कुछ लोगों को इसे विंडोज़ में सुनने में कठिनाई होती है। Read more of this post

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मुक्त मानक का प्रयोग करना क्यों बेहतर है

मैं बकबक नाम से पॉडकास्ट करता हूं। इसकी ऑडियो फाइलें ऑग फॉरमैट में हैं। कुछ लोगों को इस फॉरमैट की फाईलों को  विंडोज़ में सुनने में  कठिनायी होती है। father-daughter मेरी बिटिया रानी की सलाह थी कि मैं एमपी-३ फॉरमैट में ही पॉडकास्ट करूं पर एमपी-३ फॉरमैट मालिकाना है और ऑग फॉरमैट मुक्त मानक (open format) है। इसीलिये मैं ऑग फॉरमैट पर पॉडकास्ट करता हूं। यह बात मैंने न केवल बिटिया रानी को बतायी पर इसे ‘पापा, क्या आप उलझन में हैं‘ नाम की चिट्ठी से आप सबके सामने रखी।

यह चित्र मेरा नहीं है। इसका लिंक मैंने यहां से दिया है और यह इन्हीं के सौजन्य से है।

आजकल मुन्ना और बिटिया रानी भारत यात्रा में हैं। ऊपर बतायी चिट्ठी में लिखी बातों को, मैंने और बिटिया रानी ने मिलकर पॉडकास्ट किया है। इस पॉडकास्ट को ऑग फॉरमैट में सुनने के लिये यहां चटका लगायें और जहां ‘Download पापा क्या आप उलझन में हैं.ogg’ लिखा है वहां चटका लगा कर फाईल को डाउनलोड कर लें। फिर Audacity, Mplayer, VLC media palyer, एवं Winamp में सुने।

मैं यह भी चाहता हूं कि लोग एमपी-३ फॉरमैट को छोड़ कर ऑग फॉरमैट को महत्व दें। लेकिन मुझे मालुम है कि लोग एमपी-३ फॉरमैट की फाइलों को ज्यादा सुनते हैं इसलिये मैंने इस ऑडियो फाईल को एमपी-३ फॉरमैट में भी रखा है। इसे आप यहां चटका लगा कर सुन सकते हैं। यह एमपी-३ फॉरमैट में है इसलिये आपको विंडोज़ पर सुनने में कोई मुश्किल नहीं होगी।


पॉल साइमन (Paul Simon) का गाया चर्चित गीत Father and Daughter सुनिये।

इसमें प्रसिद्ध फिल्मों में पिता और पुत्री के चित्र हैं।

सहायता और सुझाव

सबसे पहले आप सबको क्रिस्मस की बधाई।
सहायता की आपेक्षा
कुछ दिन पहले मैंने अपने उन्मुक चिट्ठे पर एक चिट्ठी कॉनटिकी अभियान और दूसरी उसके नायक Thor Heyerdahl के बारे में लिखी थी। मुझे Thor Heyerdahl का सही उच्चारण नहीं मालुम है इसलिये इसे हिन्दी विकीपीडिया पर नहीं डाल पाया हूं। यदि कोई चिट्ठाकार बन्धु इसका उच्चारण, देवनागरी में टिप्पणी कर बता देगा तो मैं इस सामग्री को हिन्दी विकिपीडिया पर डाल सकूंगा।
इस चिट्ठी के बाद कुछ सुझाव मिले। मुझे यह नाम थूर हायरडॉह्ल लगा।  क्या यह ठीक है?
अब एक सुझाव

मैं, लगभग १८ महीने से, हफ्ते में एक बार हिन्दी में बकबक नाम से पॉडकास्ट कर रहा हूं। लेकिन पॉडकास्ट करने के बाद मुझे उसके बारे में एक चिट्ठी भी पोस्ट करनी पड़ती है ताकि लोगों को पता चले। पॉडकास्ट करना, चिट्ठी लिखने से कहीं ज्यादा आसान है। इसका प्रयोग आगे बढ़ेगा। हिन्दी चिट्ठों के चार प्रमुख फीड एग्रेगेटर – चिट्ठाजगत; ब्लागवाणी; नारद; और हिन्दीबलॉग डॉट कॉम – हैं। यदि किसी चिट्ठी में पॉडकास्ट या फिर

हिन्दी चिट्ठों के फीड एग्रेगेटर यदि हिन्दी पॉडकास्टों की प्रविष्टियों की सूचना दे दें तो अच्छा हो।

विडियोकास्ट हो तो बता देते हैं पर शायद यदि पॉडकास्ट के बारे में कोई चिट्ठी न हो, तो नहीं बताते हैं। क्या ऐसा हो सकता है कि हिन्दी चिट्ठियों के साथ यह पॉडकास्ट की भी सूचना दें? इससे उसके बारे में चिट्ठी लिखने से छुट्टी मिलेगी और ठीक से पता चलेगा कि कतने लोग सुनते हैं।

यह काम मुश्किल है कि आसान – यह तो तकनीक से जुड़े लोग बता पायेंगे पर मेरे विचार से आसानी से होना चाहिये, क्योंकि सारे पॉडकास्ट अपनी फीड देते है। मेरे पॉडकास्ट की RSS फीड यह है और फीड बर्नर से बनी फीड यह है।

हां, मैंने आज ही अपना नया पॉडकास्ट Scott’s Last Expedition अपलोड किया है। यह इस पुस्तक की समीक्षा है।

यह ऑडियो फाइलें ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप –

  • Windows पर कम से कम Audacity, MPlayer, VLC media player, एवं Winamp में;
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity, Mplayer एवं VLC media player में; और
  • Linux पर सभी प्रोग्रामो में –

सुन सकते हैं। ऑडियो फाइल पर चटका लगायें या फिर डाउनलोड कर ऊपर बताये प्रोग्राम में सुने या इन प्रोग्रामों मे से किसी एक को अपने कंप्यूटर में डिफॉल्ट में कर ले।

 

Scott's Last Expedition
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ब्लॉग पॉर्टमेन्टो शब्द है

पॉर्टमेन्टो (portmanteau): एक ऐसा चमड़े के सूटकेस, जिसके दो भाग हों। इसी कारण, दो शब्दों से मिल कर बने एक शब्द को पॉर्टमेन्टो कहा जाने लगा। इस तरह के शब्दों में दोनो शब्दों का अर्थ मिला रहता है। आजकल ऐसे शब्दों को blend भी कहते हैं। ऐसे शब्दों के लिये यह कोई जरूरी नहीं है कि पहले शब्द के पहले तथा दूसरे शब्द का अन्तिम भाग को लिया जाय पर दोनो का कुछ न कुछ भाग लिया जाना जरूरी है।

ल्यूस कैरल (Lewis Carroll) एक गणितज्ञ्य थे पर उन्होने शायद अंग्रेजी साहित्य की लोकप्रिय पुस्तकें Alice in wonderland और Looking through the glass लिखी। इसके बारे में मैंने यहां कुछ लिखा है। यह दोनो पुस्तकें गणित से सम्बन्धित नहीं हैं और साधारण लोगों के लिये ही हैं। यह दोनो पढ़ने योग्य हैं।

ल्यूस कैरल ने इन दोनो पुस्तकों में इस तरह के शब्दों का प्रयोग किया। यदि उन्हें, पॉर्टमेन्टो शब्दों का जनक न भी माना जाया तो यह सच है कि इस तरह के शब्दों को बढ़ावा उन्हीं ने दिया। उन्हीं के कारण इस तरह के शब्दों का प्रचलन शुरु हुआ। पॉर्टमेन्टो शब्द और ल्यूस कैरल के इस तरह के शब्दों के प्रयोग के बारे में आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं।

अरुणा जी का दूसरा सवाल है कि

‘ब्लॉग, पॉडकास्ट, और विडियोकास्ट क्या होता है और इसमें क्या अन्तर है?’

ब्लॉग, पॉडकास्ट और विडियोकास्ट पॉर्टमेन्टो शब्द हैं और निम्न दो शब्दों से बने हैं।

  • blog = web + log
  • podcast = ipod + broadcast
  • videocast = video + broadcast

इनके बारे में, आप मेरे विचार बकबक पर यहां सुन सकते हैं। इनके बारे में आप यहां, यहां, और यहां पढ़ भी सकते हैं। पॉडकास्ट के बारे में अरुणा जी के भी विचारों हैं। इसके बारे में मैंने यहां बताया है।

मैंने इस पॉडकास्ट में अंग्रेजी के दो शब्दों portmanteau या blend और gizmo का प्रयोग किया है। मुझे इनके लिये हिन्दी का शब्द नहीं मालुम है यदि आपको मालुम हो तो टिप्पणी कर के ही बतायें – इमेल से न बताये। इसका एक खास कारण है।

आजकल शशी जी ने प्रति दिन चिट्ठियों की रेटिंग यहां शुरु की है। इसमें सबसे ज्यादा अंक तो टिप्पणियों के हैं। जिस दिन समीर जी, या फिर अनूप जी चिट्ठी लिखेंगे तो कोई और पहले या दूसरे नम्बर पर नहीं हो सकता। सब टिप्पणियां तो उन्ही के झोले में जांयगी। क्या करें ये दोनो लिखते ही ऐसा बढ़िया हैं – भगवान ने हमको क्यों नहीं ऐसी लेखनी दी। मुझे तो सबसे कम टिप्पणियां मिलने का रिकॉर्ड है 😦 मैं तो कभी भी, इस रेटिंग के आखरी नम्बर पर भी नहीं आ सकता। टिप्पणी करके अर्थ बतायेंगे, तो शायद मेरी चिट्ठी का आखरी नम्बर लग जाये 🙂

मैंने कुछ दिन पहले कई कड़ियों में ‘पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता ‘ नाम की सिरीस लिखी थी। यदि इसे आप एक जगह पढ़ना चाहें तो इसे मेरे लेख चिट्टे पर यहां पढ़ सकते हैं। यदि आप यह जानना चाहें कि गोवा में पर्यटन के अलावा आय का क्या साधन है तो इसे आप यहां पढ़ सकते हैं और यदि आप हिन्दी की लेखिका मालती जोशी से मिलना चाहें तो मुन्ने की मां के चिट्टे पर यहां पढ़ सकते हैं।

बकबक चिट्ठे की सारी ऑडियो क्लिपें, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,

  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में,

सुन सकते हैं।

ऑडियो फाइल सम्पादक और अरुणा जी का दूसरा सवाल

अरुणा जी के पहले सवाल का जवाब पॉडकास्ट से देने के बाद उनका ईमेल आया,

‘मैं तो सोचती थी कि मेरी आवाज भी पॉडकास्ट में रहेगी।’

यह प्रयोग अब और रोचक हो चला। मैंने उनकी आवाज शामिल करने के तरीकों पर विचार करना शुरू किया। मुझे इसके तीन तरीके संभव लगे,

  1. रिकॉर्डिंग एक जगह की जाय। यह तो संभव है नहीं, अरुणा जी हिंदुस्तान की राजधानी दिल्ली में रहती हैं और मैं एक छोटे से कसबे में;
  2. उनकी आवाज फोन से रिकॉर्ड की जाय। मुझे फोन या चैट से एलर्जी है – ईमेल ही पसन्द आती है;
  3. अरुणा जी अपनी आवाज रिकॉर्ड कर ईमेल से भेजें और मैं उसे पॉडकास्ट में शामिल करूं।

मुझे तीसरा तरीका ही पसन्द आया। इसके लिये मुझे एक ऑडियो फाइल सम्पादक की जरूरत पड़ी। इसको ढ़ूढ़ने पर मुझे लगा कि इसका सबसे अच्छा प्रोग्राम ऑडेसिटी है। इस प्रोग्राम में कई अच्छी बातें हैं,

  • यह सारे ऑपरेटिंग सिस्टम में चलता है यानि कि विंडोज़, लिनेक्स, और मैक तीनो में;
  • यह न केवल मुफ्त है पर मुक्त भी यानि की ओपेन सोर्स है;
  • यह न केवल ऑडियो प्लेयर है पर यह ऑडियो फाइल सम्पादक भी है। इसमें ऑडियो फाइल उसी तरह से सम्पादित की जा सकती हैं जैसे कि आप वर्ड प्रोसेसर में अपना दस्तावेज सम्पादित करते हैं, यानि कि कट-पेस्ट या फिर कॉपी-पेस्ट चलता है;
  • यह हर तरह के फॉरमैट की फाइल बजा लेता है, यानि कि ogg फॉरमैट की भी। विंडो मीडिया प्लेयर जो कि विंडोज़ का डिफॉल्ट प्लेयर है वह ogg फॉरमैट की फाइलें नहीं बजा पाता। ogg फॉरमैट महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मुक्त है ओपेन सोर्स है जब कि wav या फिर mp3 फॉरमैट मालिकाना है। मैं न केवल मुक्त फॉरमैट में ही काम करना चाहता हूं पर यह भी विश्वास करता हूं कि यह बेहतरफॉरमैट है। इस फॉरमैट के बारे में आप मेरी इस चिट्ठी में पढ़ सकते हैं;
  • यह एक फॉरमैट से दूसरे फॉरमैट में बदलने की सुविधा भी देता है। अरुणा जी ने क्लिप wav फॉरमैट में भेजी जिसे मैंने ogg फॉरमैट में बदल कर पॉडकास्ट में रखा।

अरुणा जी का दूसरा सवाल है कि

‘ब्लॉग, पॉडकास्ट, और विडियोकास्ट क्या होता है और इसमें क्या अन्तर है?’

पॉडकास्ट क्या होता है इस पर उनके विचार भी हैं। इन विचारों से मुझे पॉडकास्ट का नया आयाम समझ में आया।

‘उन्मुक्त जी, आपको क्या नया आयाम समझ में आया, जरा हमें भी तो बताइये।’

अरे मैं क्यों बताऊं, आप यहां जा कर स्वयं अरुणा जी की मीठी आवाज में सुन लीजये।

अरुणा जी की आवाज सुनते समय कुछ ध्वनि की प्रबलता बढ़ानी पड़ेगी। उनकी आवाज की रिकॉर्डिंग में कुछ खरखराहट भी है। मैं कुछ नहीं कर सकता था, अरुणा जी के द्वारा भेजी रिकॉर्डिंग ही ऐसी थी। मेरे लिनेक्स गुरु का कहना है कि,

‘यह विंडोज़ में रिकॉर्ड करने के कारण है 🙂 ‘

मुझे नहीं मालुम कि विंडोज़ में आवाज रिकॉर्ड करने का क्या अच्छा तरीका है ताकि उसमें खरखराहट न रहे। यदि आपको मालुम है तो टिप्पणी कर बतायें ताकि अरुणा जी उसी तरह से आवाज रिकॉर्ड कर भेजें।

आप सोचेंगे कि कितना अजीब सवाल है कि कोई विंडोज़ पर काम करने के तरीके को पूछे। यह इसलिये है कि मैं लिनेक्स में ही काम करता हूं। ओपेन सोर्स कुछ मुश्किल नहीं है बस मन बनाने की बता है। जहां चाह वहां राह।

अगले पॉडकास्ट पर मैं अरुणा जी के सवाल पर अपने विचार रखूंगा।

एक नया प्रयोग

कुछ दिन पहले, रवी जी ने अरुणा ठाकुर को भेजी गयी ईमेल की कॉपी मुझे भेजी। इसमें लिखा था कि

‘Oh!, I just missed Unmukt. He is an active podcaster. He can brief you about Podcast in detail.’

इसके बाद मेरी अरुणा जी से ईमेल पर बात हुई। आप दिल्ली के एक महाविद्यालय में जर्नलिज़म और मास कम्यूनिकेशन विभाग में अध्यापिका हैं और प्रो. अशोक चक्रधर के साथ जामिया मिलिया विश्वविद्यालय में ‘हिन्दी साइबर पत्रकारिता की प्रकृति और इसके आयाम’ पर शोध कर रहीं हैं। वे इसी के संबन्ध में पॉडकास्ट से जुड़ी सूचना चाहती थी।

अरुणा जी देश की राजधानी दिल्ली में रहती हैं और मैं भारत के एक कोने में, एक छोटे से कसबे में। यह सूचना पॉडकास्ट से जुड़ी है इसीलिये हमने पॉडकास्ट के द्वारा एक नया प्रयोग करने की सोची। वे ईमेल द्वारा सवाल पूछेंगी और मैं पॉडकास्ट के द्वारा उनका जवाब दूंगा। इसके कई फायदे हैं।

  • इस तरह से हम सब इस प्रयोग में योगदान कर सकते हैं। आप मेरी गलती को टिप्पणी द्वारा ठीक कर या अपने चिट्टे पर लिख कर अरुणा जी के शोध कार्य में सहायता कर सकते हैं। ऐसे मैं तो चाहूंगा कि आप मेरे चिट्ठे पर ही टिप्पणी करें – कम से कम कुछ टिप्पणी तो आयेगी 🙂 ;
  • इस समय हिन्दी पॉडकास्टिंग नहीं के बराबर है। हो सकता है कि आपको भी पॉडकास्टिंग का जोश आ जाये और यह संख्या बढ़ जाय। सागर जी चिट्ठाचर्चा में यहां पॉडकास्टिंग के बारे में बता रहें हैं और कुछ भविष्यवाणियां भी कर रहें हैं। आने वाले पॉडकास्ट में, इन सब भविष्यवाणियां पर भी चर्चा करेंगे।

अरुणा जी का पहला सवाल है,

‘क्या आप हिन्दी के पहले पॉडकास्टर हैं और आपने कब, तथा क्यों पॉडकास्टिंग करनी शुरू की?’

इसका जवाब आप मेरे बकबक चिट्ठे पर यहां सुन सकते हैं। अरुणा जी के सवालों के जवाब के पॉडकास्ट की सूचना, मेरे इसी छुटपुट चिट्ठे पर आयगी। ऐसे हिन्दी की नवीनतम पॉडकास्ट तथा की नवीनतम हिन्दी चिट्ठों की चिट्ठियों की सूचना हिन्दी चिट्ठे एवं पॉडकास्ट Beta पर आती है। इसकी RSS फीड भी है। इसे आप अपने कंप्यूटर में स्थापित कर सकते हैं या फिर इस वेबसाइट पर जा कर देख सकते हैं।

हिन्दी में पॉडकास्ट के इतिहास बारे में गूगल चिट्ठाकार समूह की यह कड़ी महत्वपूर्ण है। मैंने बकबक पॉडकास्ट क्यों शुरू किया और अलग, अलग औपरेटिंग सिस्टम पर कौन कौन से text to sppech प्रोग्राम हैं इन सब की सूचना यहां है। मेरा पहला पॉडकास्ट ८ जुलाई २००६ को था और यह अठ्ठारवां पॉडकास्ट है – यानि कि दो पॉडकास्ट प्रति माह।

अरुणा जी, हम सब आपके अगले सवाल के इन्तजार में हैं।

बकबक चिट्ठे की सारी ऑडियो क्लिपें, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,

  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में,

सुन सकते हैं। मैंने इसे ogg फॉरमैट क्यों रखा है यह जानने के लिये आप मेरी शून्य, जीरो, और बूरबाकी की चिट्ठी पर पढ़ सकते हैं। बकबक की सारी ऑडियो क्लिपें भी बाकी चिट्ठों की तरह कॉपीलेफ्टेड हैं। आपको इनका प्रयोग व संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या इस पॉडकास्ट को दें और अच्छा हो कि उस पोस्ट से लिंक दे दें। मुझे और भी प्रसन्नता होगी यदि इनका उपयोग ऐसे लोगों के लिये किया जा सके, जिनकी आखें कमज़ोर हैं।

अन्य चिट्ठों पर क्या नया है इसे आप दाहिने तरफ साईड बार में, या नीचे देख सकते हैं।

बकबक

मुझे अपने उन्मुक्त चिट्ठे की शून्य, जीरो, और बूरबाकी चिट्ठी के लिये एक गाना अपलोड करना था इसलिये ऑडियो क्लिप अपलोड करने के लिये वेब साईट ढ़ूढना शुरू की। esnips नामक एक वेबसाइट मिली जिसमें ऑडियो क्लिपें भी अपलोड की जा सकती है। इसमे आप हिन्दी में चिट्टा भी लिख सकते हैं – हिन्दी अच्छी चलती है। इस वेबसाइट में ऑडियो क्लिपों की RSS feed भी है, इसलिये लगा कि पॉडकास्टिंग भी की जा सकती हैं।

मेरे एक मित्र के पुत्र की आखें कमजोर हैं वह अक्सर ऐसे प्रोग्राम के बारे में पूछता रहता है जिसमें पढ़ना न पड़े और वह सुन सके। विन्डोस़ पर text to speech का एक प्रोग्राम Natural Voice है। है इसका एक स्तर का प्रोग्राम मुफ्त है जो कि अच्छा है। लिनेक्स पर एक इस तरह का प्रोग्राम festival है पर उसमे Natural Voice के बराबर सुविधायें नहीं है। esnips वेब साईट पर आने के बाद लगा कि मेरे मित्र के पुत्र की तरह, जिन लोगों की आखें कमजोर हैं, वह इसे सुन भी सकते हैं। बस इसीलिये अपनी बकबक यहां शुरू कर दी। मैं नहीं जानता कि पॉडकास्ट क्या होता है शायद इसी को पॉडकास्ट कहते हों। मेरे तीनो चिट्ठों की तरह, ‘बकबक’ पॉडकास्ट की सारी पोस्टें, कौपी-लेफ्टेड हैं। आपको इनका प्रयोग व संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या उस पोस्ट को दें और अच्छा हो कि उस पोस्ट से लिंक दे दें। मुझे और भी प्रसन्नता होगी यदि इनका उपयोग ऐसे लोगों के लिये किया जा सके जिनकी आखें कमज़ोर हैं।

‘बकबक’ पॉडकास्ट की ऑडियो क्लिपें ogg में हैं। मैंने इसे ogg फॉरमैट क्यों रखा है यह जानने के लिये आप मेरे उन्मुक्त चिट्ठे की शून्य, जीरो, और बूरबाकी की चिट्ठी पर यहां पढ़ सकते हैं। ogg फॉरमैट की क्लिपों को आप निम्न प्रोग्रामों में सुन सकते हैं,

  • Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
  • Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
  • Mac-OX पर कम से कम Audacity में।

हरिवंश राय बच्चन ने अपनी जीवनी के दूसरे भाग में नीड़ का निर्माण फिर में तेजी जी से मिलन के बारे मे लिखा है। यदि इसके बारे में आप पढ़ना चाहें तो मेरे उन्मुकत चिट्ठे की पोस्ट ‘हरिवंश राय बच्चन – तेजी जी से मिलन’ पर यहां पढ़ सकते हैं।
कंप्यूटर प्रोग्राम, पेटेंट किया जा सकता है कि नहीं, बहुत विवादास्पद विषय है। इस बारे में मैने उन्मुक्त चिट्ठे पर एक नयी सिरीस ‘पेटेंट और कंप्यूटर प्रोग्राम’ नाम से शुरू की है। इसकी भूमिका आप यहां पढ़ सकते हैं।

अन्य चिट्ठों पर क्या नया है इसे आप दाहिने तरफ साईड बार में, या नीचे देख सकते हैं।

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