पॉर्टमेन्टो (portmanteau): एक ऐसा चमड़े के सूटकेस, जिसके दो भाग हों। इसी कारण, दो शब्दों से मिल कर बने एक शब्द को पॉर्टमेन्टो कहा जाने लगा। इस तरह के शब्दों में दोनो शब्दों का अर्थ मिला रहता है। आजकल ऐसे शब्दों को blend भी कहते हैं। ऐसे शब्दों के लिये यह कोई जरूरी नहीं है कि पहले शब्द के पहले तथा दूसरे शब्द का अन्तिम भाग को लिया जाय पर दोनो का कुछ न कुछ भाग लिया जाना जरूरी है।
ल्यूस कैरल (Lewis Carroll) एक गणितज्ञ्य थे पर उन्होने शायद अंग्रेजी साहित्य की लोकप्रिय पुस्तकें Alice in wonderland और Looking through the glass लिखी। इसके बारे में मैंने यहां कुछ लिखा है। यह दोनो पुस्तकें गणित से सम्बन्धित नहीं हैं और साधारण लोगों के लिये ही हैं। यह दोनो पढ़ने योग्य हैं।
ल्यूस कैरल ने इन दोनो पुस्तकों में इस तरह के शब्दों का प्रयोग किया। यदि उन्हें, पॉर्टमेन्टो शब्दों का जनक न भी माना जाया तो यह सच है कि इस तरह के शब्दों को बढ़ावा उन्हीं ने दिया। उन्हीं के कारण इस तरह के शब्दों का प्रचलन शुरु हुआ। पॉर्टमेन्टो शब्द और ल्यूस कैरल के इस तरह के शब्दों के प्रयोग के बारे में आप यहां और यहां पढ़ सकते हैं।
अरुणा जी का दूसरा सवाल है कि
‘ब्लॉग, पॉडकास्ट, और विडियोकास्ट क्या होता है और इसमें क्या अन्तर है?’
ब्लॉग, पॉडकास्ट और विडियोकास्ट पॉर्टमेन्टो शब्द हैं और निम्न दो शब्दों से बने हैं।
- blog = web + log
- podcast = ipod + broadcast
- videocast = video + broadcast
इनके बारे में, आप मेरे विचार बकबक पर यहां सुन सकते हैं। इनके बारे में आप यहां, यहां, और यहां पढ़ भी सकते हैं। पॉडकास्ट के बारे में अरुणा जी के भी विचारों हैं। इसके बारे में मैंने यहां बताया है।
मैंने इस पॉडकास्ट में अंग्रेजी के दो शब्दों portmanteau या blend और gizmo का प्रयोग किया है। मुझे इनके लिये हिन्दी का शब्द नहीं मालुम है यदि आपको मालुम हो तो टिप्पणी कर के ही बतायें – इमेल से न बताये। इसका एक खास कारण है।
आजकल शशी जी ने प्रति दिन चिट्ठियों की रेटिंग यहां शुरु की है। इसमें सबसे ज्यादा अंक तो टिप्पणियों के हैं। जिस दिन समीर जी, या फिर अनूप जी चिट्ठी लिखेंगे तो कोई और पहले या दूसरे नम्बर पर नहीं हो सकता। सब टिप्पणियां तो उन्ही के झोले में जांयगी। क्या करें ये दोनो लिखते ही ऐसा बढ़िया हैं – भगवान ने हमको क्यों नहीं ऐसी लेखनी दी। मुझे तो सबसे कम टिप्पणियां मिलने का रिकॉर्ड है 😦 मैं तो कभी भी, इस रेटिंग के आखरी नम्बर पर भी नहीं आ सकता। टिप्पणी करके अर्थ बतायेंगे, तो शायद मेरी चिट्ठी का आखरी नम्बर लग जाये 🙂
मैंने कुछ दिन पहले कई कड़ियों में ‘पेटेंट और पौधों की किस्में एवं जैविक भिन्नता ‘ नाम की सिरीस लिखी थी। यदि इसे आप एक जगह पढ़ना चाहें तो इसे मेरे लेख चिट्टे पर यहां पढ़ सकते हैं। यदि आप यह जानना चाहें कि गोवा में पर्यटन के अलावा आय का क्या साधन है तो इसे आप यहां पढ़ सकते हैं और यदि आप हिन्दी की लेखिका मालती जोशी से मिलना चाहें तो मुन्ने की मां के चिट्टे पर यहां पढ़ सकते हैं।
बकबक चिट्ठे की सारी ऑडियो क्लिपें, ogg फॉरमैट में है। इस फॉरमैट की फाईलों को आप,
- Windows पर कम से कम Audacity एवं Winamp में;
- Linux पर लगभग सभी प्रोग्रामो में; और
- Mac-OX पर कम से कम Audacity में,
सुन सकते हैं।
Like this:
पसंद करें लोड हो रहा है...
नयी टिप्पणियां