Everything Is Possible

स्टैनली मॉरगन में प्रशिक्षण लेने वाले उम्मीदवार की न केवल शैक्षिक योग्यता उच्च स्तर की होनी चाहिये, पर चुनाव के पहले उसे कड़े साक्षात्कार से भी गुजरना पड़ता है। यह इस बार नहीं, शायद यहां पर जिस किस्से का ब्यान है उसने बहुत कुछ बदल दियाा।

एक पिक्चर आयी है: ‘The Pursuit of Happyness‘। स्टैनली मॉरगन आठ कम्पनियों में से एक हैं जो इसे प्रोत्साहित कर रही है। इस फिल्म की कहानी एक सत्य कथा पर आधारित है। यह एक ऐसे व्यक्ति कि कहानी है जो कि एक फर्म में बिना पैसे लिये प्रशिक्षण करने जाता है और वहीं से उसका जीवन बदल जाता है।

स्टैनली मॉरगन में प्रशिक्षित के रूप में चुने जाने के लिये आपको ५ मिनट का वीडियो बना कर यहां पर पेश करना है। विडियो इस बात पर बनाना है कि आप किस तरह से अपने प्रेणना देने वाले सूत्र को जीवन में ढाल रहे हैं। आपके विडियो पर लोग यहां पर वोट देंगे और यदि आप उन दो लोगों में से हैं जिन्हें सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो स्टैनली मॉरगन में प्रशिक्षण के लिये आपको चुन लिया जायगा।

भाग लेने के लिये तो देर हो चुकी है पर कम से कम आप वोट तो दे सकते हैं।

के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

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