तो कुछ करते क्यों नहीं
नवम्बर 25, 2006 5 टिप्पणियां
क्या आप कंप्यूटर वायरस से परेशान हैं?
‘हां’
क्या आप विन्डोस़ के बढ़ते दाम से से परेशान हैं?
‘हां’
क्या आप चोरी किया गया सॉफ्टवेर नहीं प्रयोग करना चाहते?
‘हां, भाई हां।’
तो कुछ करते क्यों नहीं।
‘क्या करूं’ 😦
कंप्यूटर पर लिनेक्स का प्रयोग क्यों नहीं करते 🙂
कुछ दिन पहले श्रीश जी की चिट्ठी पर उन्हीं की टिप्पणी से पता लगा कि वे लिनेक्स का प्रयोग नहीं करते, क्योंकि वे गीक नहीं हैं। ई-पंडित और गीक नहीं??
यह कुछ समय पहले कहा जा सकता था कि लिनेक्स केवल गीक ही प्रयोग कर सकते हैं पर अब नहीं। इस समय लिनेक्स का प्रयोग करने के लिये गीक होना आवश्यक नहीं है, हांलाकि कुछ धैर्य की आवश्यकता है। कुछ सुविधाोओं का भी त्याग करना पड़ेगा। पर जो काम हम सब करते हैं वह बहुत आसानी से लिनेक्स में हो सकता है।
यदि आप यह जानना चाहें कि विन्डोस़ के बाद लिनेक्स पर जाने के लिये क्या पांच चीज़े जानना जरूरी है तो आप यहां पढ़ सकते हैं।
लिनेक्स पर बहुत सारे खेल नहीं खेले जा सकते – शायद वाईन की सहायता से चल सकें या फिर क्रौस-ओवर की सहायता से। पर क्रौस-ओवर के लिये पैसा देना पड़ता है। लेकिन बच्चों को कंप्यूटर खेल खेलने से रोकने के लिये शायद यही सबसे अच्छा तरीका हो।
लेकिन बच्चों को कंप्यूटर खेल खेलने से रोकने के लिये शायद यही सबसे अच्छा तरीका हो।
–मगर बड़ों को कैसे रोका जाये, प्ले स्टेशन की डिमांड देख रहे हैं?
भाई साहब
सलाह सब दे रहे हैं कि लिनक्स लगवा लो पर उसको कैसे इन्स्टाल करना है, कैसे चलाना है कोई बता नहीं रहा, आप जो लिंक दे रहे हैं वह भी अंग्रेजी में है, और अपना तो उस विदेशी भाषा से बचपन से ही बैर है,:) ( भाई हमें अंग्रेजी नहीं आती)
ज्यादा अच्छा हो जिस तरह आप तकनीकी लेखों को आसान भाषा में लिखते हैं उसी तरह लिनक्स पर एक श्रंखला चालू करें ताकि मुझ जैसे कई लोग उसका लाभ ले सकें, यह हम पर आपकी मेहरबानी भी होगी।
धन्यवाद
१.बाराहा की तरह का टाइप करने के लिए फ़ोन्ट बतायें-फ़ेडोरा हेतु.यूनिकोड पढना तो फ़ेडोरा में बिना प्रयास हो जाता है.
२.ट्राइपॊड के दिए (सदस्यों को) वेबसाइट पर हिन्दी में प्रविष्टि नही हो पा रही.समाधान?
एक फ्लैश आधारित ट्यूटोरियल यहाँ अपलोड किया है:
http://raviratlami.googlepages.com/mandriva.html
देखें और बताएँ कि क्या उपयोगी है? यदि हाँ तो इसे हिन्दी में अनुवाद कर अपलोड करने की सोचूंगा 🙂
लिनक्स के बारे मे जानने और उसका प्रयोग करने की इच्छा बहुत थी ,श्रीश के ब्लाग पोस्ट पर भी मै यह कमेन्ट छोड आया था कि अगर उन्मुक्त जी मार्गदर्शन दें तो मै भी लिनक्स की तरफ़ अपना रुख करुं।आपका और रवि भाई का धन्यवाद जो लिनक्स पर यह उपयोगी लेख दिये हैं।