अनन्त के गुण हैं अजीब

इस चिट्ठी में अनन्त के अजीब गुणों को बताते एक रोचक विडियो की चर्चा है।

अनन्त का चिन्ह - विकिपीडिया के सौजन्य से

कुछ समय पहले मैने ‘अनन्तता समझो, ईश्वर के पास पहंचो‘ नामक चिट्ठी में, आमिर डी ऐक्ज़ल (Amir D Aczel) के द्वारा, लिखी पुस्तक ‘द मिस्ट्री ऑफ द एलेफ: मैथमेटिक्स, द केबालह, एन्ड द सर्च फॉर इंफिनिटी’ (The mystery of the Aleph: Mathematics, the Kabbalah, and the Search for Infinity) की समीक्षा है। यह पुस्तक गणितज्ञ जॉर्ज कैंटर (George Cantor) की जीवनी है।

कैंटर, सेट थ्योरी के पिता कहे जाते हैं। अनन्त (infinity) पर सबसे महत्वपूर्ण काम कैंटर ने किया है। इस पुस्तक में,  इसकी विस्तार से चर्चा है। इस पुस्तक के पहले कुछ अध्यायों में, कैंटर के पहले अनन्त पर किये गये कार्य और उन गणितज्ञयों की भी चर्चा है।

इस  चिट्ठी को, आप मेरी ‘बकबक’ पर यहां चटका लगा कर सुन सकते हैं। यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो ऊपर दाहिने तरफ का पृष्ट, “‘बकबक’ पर पॉडकास्ट कैसे सुने” देखें।

अनन्त के बारे में, जॉर्ज गैमव (George Gamov) की लिखी पुस्तक  ‘वन टू थ्री…इंफिनिटी फैक्टस् एण्ड स्पेक्यूलेशन ऑफ साइंस’ (One Two Three…Infinity: Facts and Speculations of Science’  भी बेहतरीन पुस्तक है। इस पुस्तक के बारे में, ऍन्ट्रॉपी के सन्दर्भ मै, मैंने यहां चर्चा की है।

परिभाषा के अनुसार ईश्वर सर्वभौमी या सर्वव्यापी सेट (Universal set or set of all sets) है। लेकिन इसकी विवेचना करने पर पता चलता है कि इस तरह का सेट नहीं हो सकता है या दूसरे शब्दों में ईश्वर का आस्तित्व नहीं है। इसकी कुछ विस्तार से चर्चा और जीवन के विश्वविद्यालय का एक वाक्या की चर्चा यहां की है। हैं न अनन्त के गुण अजीब। इस  चिट्ठी को, आप मेरी ‘बकबक’ पर यहां चटका लगा कर सुन सकते हैं। यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो ऊपर दाहिने तरफ का पृष्ट, “‘बकबक’ पर पॉडकास्ट कैसे सुने” देखें।

कुछ समय पहले, अनन्त के बारे में एक रोचक विडियो देखने को मिला। इसमें अनन्त के अजीब गुणों की चर्चा है। आप भी उसका आनन्द लें।

गणित की पुस्तकों पर मेरी अन्य चिट्ठियां

सांकेतिक शब्द

। Mathematics, set theory, George cantor, Infinity, David HilbertAmir D Aczel,

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के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

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