भविष्यवाणी – २००७: ओपेन सोर्स

२००७ ओपेन सोर्स के लिये कैसा होगा? क्या यह समाप्त हो जायगा और केवल विन्डोस़ वीसटा ही रहेगी या फिर भारत और चीन में के द्वारा ओपेन सोर्स दुनिया में फैलेगा? यह तो मालुम नहीं पर केरल और तामिलनाडू में तो कम से कम ओपेन सोर्स ही रहेगा।

जैसा रवी जी ने सूचना दी कि क्या केवल आई.ई. चलेगा या फिर फायरफॉक्स सबसे लोकप्रिय वेब बॉउस़र हो जायगा?

क्या बौद्धिक सम्पदा अधिकार की लड़ाई जोर पकड़ेगी या फिर सॉफ्टवेर की चोरी चलती रहेगी? यदि सरकार एवं न्यायालय बौद्धिक सम्पदा अधिकारों के प्रति जागरूक होते हैं तो लोग अवश्य ओपेन सोर्स की तरफ झुकेगें।

ओपेन सोर्स की सबसे बड़ी कमी है हार्डवेर के लिये ड्राईवर न मिल पाने की। क्या इस साल हार्डवेर के लिये ड्राईवर मिलने आसान होंगे? और यदि यह आसान होंगे तो शक नहीं भारत में आई.टी. का बूम चलता रहेगा।

इन सब के अतिरिक्त यदि आप कुछ और २००७ की ओपेन सोर्स के बारे में भविष्यवाणियां जानना चाहते हैं तो यहां देखें।

के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

3 Responses to भविष्यवाणी – २००७: ओपेन सोर्स

  1. चिंतन का विषय है, दिशा तो समय निर्धारित करेगा.

  2. मुझे भी लगता है की ओपेन सोर्स की सबसे बड़ी कमी है हार्डवेर के लिये ड्राईवर न मिल पाना.
    जब तक स्वयंसेवक काम करते रहेंगे ओपनसोर्स समाप्त नहीं होंगे पर गुणवत्ता के मामले में शायद ही व्यवसायिक सोफ्टवेरो पर हावी हो सके.

  3. Vijay says:

    A wonderful and impressive blog. We obeserved that you have published the feed in this blog. But there is no indication of the terms of use.

    Actually we want to put the feed in aggregated form in our network of websites, “www.chhattisgarhnews.info” is one of them. If interested, please guide us about the terms related to the feed published by you

    विजय जी
    मै इस चिट्ठे के अतिरिक्त दो और चिट्ठेे उन्मुक्त , और लेख लिखता हूं तथा एक पॉडकास्ट बकबक नाम से करता हूं। इसकी न केवल आप RSS फीड लेकर जहां चाहें डाल सकते हैं पर मेरे सारे चिट्ठे और पॉडकास्ट की चिट्ठी जैसे चाहें प्रयोग कर सकते हैं क्योंकि यह सब कॉपी-लेफ्टेड हैं। आपको इन्हें किसी प्रकार से प्रयोग करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि उसका श्रेय आप मुझे दे दें या फिर उस चिट्ठी से लिंक दे दें। आप यह नोटिस, मैं और यह चिठ्ठा पर पढ़ सकते हैं।
    उन्मुक्त

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