लिनेक्स बनाम वीस्टा एवं मैकिन्टॉश

बीबीसी ने Your reviews: Vista and rivals करके एक लेख प्रकाशित किया है। इसमें वीस्टा के प्रयोग करने वाले दो एवं लिनेक्स तथा मैकिन्टॉश के प्रयोग करने वाले एक, एक व्यक्ति के अनुभव हैं। पढ़ने से लगता है कि वीस्टा का प्रयोग करने वालों में से कम से कम एक व्यक्ति तो वही है जिनके बारे में यहां लिखा है।
वीस्टा के बारे में लिखे अनुभव में लोग इसकी ३-डी की काबलियत एवं इसके फ्लिप ३-डी प्रोग्राम के बारे में उत्साहित हैं। मैंने वीस्टा प्रयोग नहीं किया, इस लिये मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। मुन्ने को मैकिंटॉश ही पसन्द है वह उसी पर काम करता है। लगभग १८ महीने पहले आया था, तब ही मुझे मैकिंटॉश लैपटौप पर, कुछ काम करने का मौका मिला था। मैंने मैकिंटॉश लैपटौप पर ज्यादा समय नहीं गुजारा है, इसलिये इसके बारे में भी बहुत कुछ नहीं कह सकता हूं। जहां तक मुझे याद पड़ता है फ्लिप ३-डी प्रोग्राम की तरह की सुविधा उस समय भी मैकिंटॉश औपरेटिंग सिस्टम में थी। मुझे यह याद नहीं कि मैकिंटॉश लैपटौप में ३-डी की सुविधा थी या नहीं।

लिनेक्स तो इन सब में पीछे है। लिनेक्स का सबसे मजबूत बात है इसमें वाईरस का न होना जो कि इसके प्रयोग करने वाले ने लिखी है।

इन सब के बावजूद भी वीस्टा माईक्रोसौफ्ट का नया औपरेटिंग सिस्टम है। यह विन्डोस़ एक्स पी अपग्रेड है अच्छा तो होगा ही। यहां पर यह महत्वपूर्ण नहीं है कि किसके बारे में कितना अच्छा लिखा है पर महत्वपूर्ण है कि लिनेक्स की तुलना वीस्टा और मैकिन्टॉश के साथ बीबीसी की वेबसाईट पर की गयी है। यह दर्शाती है कि आज लिनेक्स माने रखने लगा है। यहां यह बताना भी उचित होगा कि लिनेक्स के शुरुवात के दिनो में स्टीवन जॉब्स (मैकिंटॉश के जनक) ने, लिनूस टोरवाल्ड (लिनेक्स के जनक) से कहा था कि वह लिनेक्स को छोड़ कर मैकिंटॉश कंप्यूटर के साथ आ जाय क्योंकि लिनेक्स का कोई भविष्य नहीं है।

मैं वर्ष २०१० से शुरू होने वाले दशक का इन्तजार कर रहा हूं।

के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

8 Responses to लिनेक्स बनाम वीस्टा एवं मैकिन्टॉश

  1. मैकिनटोस सदा आगे रहा है, तथा माइक्रोसोफ्ट उसकी नकल करता हुआ लगता रहा है.
    आने वाले दशक में क्या हालात बनते है, यह देखते है.

  2. इसमे कोई शक नही है कि मैक सबसे बेहतरीन आपरेटींग सीस्टम है। मैने तीनो OS मैक, विण्डोस और लिनक्स उपयोग किये है।
    मैक मे हर वो चीज सुंदर तरीके से है जो बाकी दोनो मे है।

  3. रवि says:

    “…वीस्टा के बारे में लिखे अनुभव में लोग इसकी ३-डी की काबलियत एवं इसके फ्लिप ३-डी प्रोग्राम के बारे में उत्साहित हैं।…”

    लिनक्स में भी 3डी डेस्कटॉप जैसी काबिलियत आ चुकी है. कुछ संस्करणों में आपको संस्थापित करने का विकल्प भी मिलेगा – अलग से डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं.

  4. लिनक्स और मैकिंटॉश दोनों में ही पुराने यूनिक्स के प्रभाव है। पर विंडोज की ही तरह अब मैकिंटॉश प्रोप्राइटरी सॉफ्टवेयर है, जबकि लिनक्स जी.पी.एल. के अंतर्गत साझेदारी और सहयोग से बना है। जहां तक ३डी का सवाल है तो लिनक्स कतई पीछे नहीं है। पिछले १८ महीनों में लिनक्स ३डी ग्राफिक्स ने बहुत तरक्की की है। पिछले महीने निकले ओपनसूजी लिनक्स के प्रयोग से ३डी डेस्कटॉप का प्रयोग के बारे में मैं लिख चुका हूं। मैकिंटॉश के टाइगर ऑपरेटिंग सिस्टम में यह व्यवस्था नहीं है। पर उनके नए वर्जन लेपार्ड में यह शामिल की जाएगी। हालांकि ये सभी साफ्टवेयर चलाने के लिए काफी नया कंप्यूटर चाहिए। पुराने पर ये नहीं चलेंगे।

  5. Shrish says:

    प्रथम तो कृपया ‘वीस्टा’ नहीं ‘विस्टा’ लिखें।

    आपकी बात एकदम सही है, लिनेक्स एक श्रेष्ठ ऑपरेटिंग सिस्टम है, लेकिन विंडोज का स्थान लेने में इसे बहुत समय लगेगा।

    हाँ और विस्टा के लिए आपको काफी उन्नत हार्डवेयर की जरुरत है। महंगा तो होगा ही।

  6. लिनक्स में त्रिआयामी सुविधा विस्टा से बहुत पहले से संभव थी।

  7. himanshu says:

    पता नहीं क्यों हर आदमी माइक्रोसौफ्ट को कोसने में लगा रहता है.

    सच कहूँ, मुझे तो Windows बहुत ही अच्छा लगता है. विन 2000 के बाद से ऐसा कोई कारण नहीं की मैं कोई और os का उपयोग करूँ.

    और भाई लोगों, मैक पर कभी हिन्दी में काम किया है ? एक गन्दे से की-बोर्ड ले-आउट के अलावा कुछ भी नहीं है हिन्दी में काम करने के लिये.

    इसलिये, मेरे जैसे लोगों के लिये तो यह किसी उपयोग का नहीं है. मैक पर समय बर्बाद करने से ज्यादा अच्छा है की openbsd में समय का सदुपयोग करूँ …

    और जो लोग लिनक्स का गुण-गान करते हैं… उनका तो अल्लाह ही मालिक है. कंसोल में काम करना है तो ठीक है, KDE / Gnome तो अभी भी कचरा हालत में हैं.

  8. हम तो विन्डोज भक्त हैं और दूसरी दिशा की ओर देखने की अब तक तो जरुरत नहीं महसूस हुई.

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