Blogger’s Park
सितम्बर 26, 2006 4 टिप्पणियां
The week मनोरमा ग्रुप के द्वारा प्रकाशित अंग्रेजी की पत्रिका है। इसके सबसे नये अंक (सितम्बर २५ – अक्टूबर १) के अंक में ब्लौगिंग के ऊपर लेख Blogger’s park निकला है। इसमें इस बात की चर्चा है कि हिन्दुस्तान में अंग्रेजी में चिट्ठे लिखने वाले कैसे पैसा कमा रहें हैं। क्या हिन्दी चिट्ठेकारों के भी दिन फिरेंगे।
इसमें अमित जी के एक ब्लौग के बारे में चर्चा है। मैं इस ब्लौग पर गया। इसकी एक चिट्ठी ‘How to overcome Blogger’s block‘ मुझे अच्छी लगी। यह बताती है कि यदि चिट्ठे लिखने के लिये कुछ समझ में न आये तो क्या करें। हम से कई इस बात का अनुभव करते हैं। अब देखिये संगीता जी को ही बेचैनी हो रही है कि उन्हें खरगोश कयों नहीं दिख रहे हैं। चलिये अमित जी के अनुभव का फायदा उठायें। शायद खरगोश ज्लदी दिखें।
संगीता जी आप सुन रहीं हैं ना।
यह तो हम सब को भी सुनना चाहिये।
दरअसल, मैंने जो कुछ भी नया प्रयोग अपने चिट्ठे में पैसे कमाने हेतु – बड़े ही एग्रेसिव अंदाज में विज्ञापनों को चिपकाने का किया है जिससे कई चिट्ठाकार बंधु इत्तेफ़ाक नहीं रखते, अमित अग्रवाल की साइट से प्रेरणा लेकर तथा उसमें दिए गए युक्तियों के आधार पर ही किया है.
हाँ, सामग्री की बात है, तो वह धीरे से आएगी. और यह भी तय है कि आपकी सामग्री अगर ठीक नहीं होगी तो पाठक बेवकूफ़ नहीं है जो आपको पढ़ने के लिए दोबारा आएगा.
मेरी कोशिश जारी है….
मेरे विचार में आपका कदम ठीक दिशा में है। मेरा ख्याल है कि आने वाले समय में चिट्ठे लिखने के जरिये पैसा कमाया जा सकेगा।
पैसा कमाने के लिए पहले इस क्षेत्र को थोड़ा विकसित भी करना होगा. बीजो की बुवाई करो, सिंचाई करो फिर काटो वाला सिद्धांत यहाँ भी लागु होता हैं.
ठीक है – हमारी शुभकामनाऐं आपके साथ