सैकड़ों वर्ष पहले के इंजीनियर ही बेहतर थे

श्री अनुपम मिश्र गांधी पीस फाउंडेशन (Gandhi Peace Foundation) की नींव डालने वाले सदस्यों में हैं। वे राजस्थान में पानी संचय के बारे में बात करते हैं। उन्होंने ‘राजस्थान की रजत बूंदे’ नामक पुस्तक लिखी है। इसे गांधी शांति प्रतिष्ठान, नयी दिल्ली ने छापा है।

कुछ समय पहले ‘टेड आइडियआस् वर्थ स्परैडिंग’ (TED Ideas Worth Spreading) में,  अनुपम जी का भाषण सुनने को मिला। इसमें वे बताते हैं कि किस तरह  से सैकड़ों वर्ष पहले, भारतवासियों ने रेगिस्तान में, पानी संचय करने के तरीके निकाले। यह तरीके आजकल के कड़ोरों रुपये खर्च कर बनाये गये पानी संचय करने के तरीकों से कहीं बेहतर हैं। Read more of this post

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समुद्र मंथन से – ब्रह्माण्ड के कोने तक

विश्व में कम ही लोग, हिमालय और उसके आस पास के खण्ड की कला के बारे में जानते हैं। ‘रुबिन कला संग्रहालय’ (Rubin Museum of Art) न्यूयॉर्क में स्थित है। यह संग्रहालय लोगों के सामने,  इस धरोहर को लाने का प्रयत्न करता है।

यह चित्र, रूबिन कला संग्रहालय के, इस प्रदर्शनी के बारे में सूचना दे रहे पेज से है।

इस संग्रहालय में, ११ दिसमबर २००९ से,  ‘सृष्टि दर्शन: समुद्र मथंन से – ब्रह्माण्ड के कोने तक’ (Visions of the Cosmos: From the Milky Ocean to an Evolving Universe) नामक प्रदर्शनी चल रही है। यह प्रदर्शनी, हिन्दू सृष्टि के उत्पत्ति दर्शन से शुरू होकर, विज्ञान के  द्वारा ब्रह्माण्ड की संरचना को दिखा रही रही है। यह प्रदर्शनी १० मई २०१० तक चलेगी।

इस प्रदर्शनी के अन्त में ‘अमेरिकी प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय’ (American Museum of Natural History) के द्वारा बनायी गयी प्रलेखी फिल्म ‘हमारा जाना ब्रह्माण्ड’ (The Known Universe) दिखायी जा रही है।

यह प्रलेखी हिमालय से शुरू हो कर, ब्रह्माण्ड के उस कोने तक पहुंचती जहां तक ‘अमेरिकी प्राकृतिक इतिहास संग्रहालय’ की नजर जाती है और उसके बाद वापस आती है। हम में से बहुत से लोग इस प्रदर्शनी को तो नहीं देख सकते हैं पर आप इस प्रलेखी फिल्म को अवश्य देख सकते हैं। इसका मजा उठाने से न चूकें।


मुक्त मानक और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव

मैंने कुछ दिन पहले अपने उन्मुक्त चिट्ठे की चिट्ठी, ‘पापा, क्या आप उलझन में हैं‘, के द्वारा मुक्त मानक के महत्व की चर्चा की थी। क्या मुक्त मानक अमेरिकी राष्ट्रपती चुनाव के हिस्सा बन गये हैं?

बैरेक ओबामा का जन्म हवाई में, ४ अगस्त १९६१ को हुआ था। उनकी मां श्वेत और पिता अश्वेत थे। उन्होने ने आखरी बार अपने पिता को २ साल की उम्र में देखा था। उसके बाद उनके पिता वापस केनया चले गये और मां हवाई में ही रह गयीं।

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(दायें से बायें) दो वर्ष के ओबामा, उनकी मां और पिता।

यह चित्र १० दिसंबर की टाईम पत्रिका के The Identity Card लेख से है और उसी के सौजन्य से है। इसे शेल्बी स्टील (Shelby Steele) ने लिखा है। यह लेख अच्छा है। उनके जीवन की मे बहुत सी मुश्किलों उन्हें  श्वेत-अश्वेत विरासत के कारण मिली। यह लेख उसे भी बहुत खूबी से  दर्शाता है। इसे भी पढ़ें।

ओबामा का लालन पालन उनकी शवेत मां, बाबा, दादी ने किया। वे इस समय अमेरिका के लिनॉय (lllinois) राज्य से सेनेटर हैं और अमेरिका के २००८ राष्ट्रपती चुनाव में डेमोक्रटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिये दावेदार हैं। राष्ट्रपति पद के लिये डेमोक्रटिक पार्टी का कौन उम्मीदवार रहेगा – वे रहेंगे या फिर सुश्री हिलेरी क्लिंटन – यह तो समय ही बतायेगा पर उनका चुनाव प्रचार जोरों से चल रहा है।

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ओबामा बोस्टन कॉलेज में बोलते हुऐ यह चित्र विकिपीडिया से है और ग्नू मुक्त प्रलेखन अनुमति पत्र के अंतर्गत है।

ओबामा ने अपनी पढ़ाई कोलम्बिया विश्विद्यालय और हावर्ड लॉ स्कूल से की है और दो पुस्तकें Dreams from My Father एवं The Audacity of Hope नाम से लिखी हैं।

इनके वेबसाइट पर इनकी नीतियों के बारे में है, यह भी है कि यदि वे अमेरिका के राष्ट्रपति बन गये तो वे क्या करेंगे। तकनीक से जुड़े मुद्दे पर वे कहते हैं,

‘Obama will integrate citizens into the actual business of government by: Making government data available online in universally accessible formats to allow citizens to make use of that data to comment, derive value, and take action in their own communities. Greater access to environmental data, for example, will help citizens learn about pollution in their communities, provide information about local conditions back to government and empower people to protect themselves.’
ओबामा लोगों को सरकारी कार्यों से जोड़ेंगे। इसके लिये वे लोगों को सरकारी आंकड़े सर्वव्यापी प्राप्य मानक के द्वारा उपलब्ध करायेंगे।

सवाल यह है कि उनके द्वारा प्रयोग किये गये शब्द universally accessible formats (सर्वव्यापी प्राप्य मानक) का क्या अर्थ है। क्या उनका अर्थ मुक्त मानक से है जिसके बारे में मैंने अपनी चिट्ठी में लिखा है या फिर कुछ और। एंडी (Andy Updegrove) तो यही सोचते हैं कि वे मुक्त मानक की बात कर रहें हैं। देखिये शायद यह बहस जोर पकड़े – तब ही इसका अर्थ भी स्पष्ट हो।

 

यही बात इन्होने १४ नवम्बर को गूगल मुख्यालय में बोलते हुऐ कही। यहां पर उन्होने यह भी कहा कि वे ओपेन इंटरनेट एवं नेट तटस्ता के पक्षधर हैं।

सांकेतित शब्द

Internet, Web, technology, Science, Politics, सूचना प्रद्योगिकी, सॉफ्टवेयर, सॉफ्टवेर, सॉफ्टवेर, सौफ्टवेर, आईटी, अन्तर्जाल, इंटरनेट, इंटरनेट, टेक्नॉलोजी, टैक्नोलोजी, तकनीक, तकनीक, तकनीकी,

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