‘अरे उन्मुक्त जी, क्यों बोर कर रहे हैं। हमें भी मालुम है कि आज अलबर्ट आइन्स्टीन का जन्मदिन है। केवल आप ही नहीं हैं जिसने जीशान जी की बेहतरीन चिट्ठी पढ़ी है। हमने भी उसे पढ़ा है। दूसरों की बात मत दोहराइये।’
‘उन्मुक्त जी, किसका जन्मदिन है किसे बधाई दे रहे हैं, हमें भी तो बताइये। क्या अकेले ही केक खा लेंगे?’
अरे मैं अकेले थोड़े ही केक खाना चाहता हूं। इसी लिये तो आपको बता रहा हूं। २५ साल पहले २७, सितम्बर को ग्नू योजना (GNU project) का जन्म हुआ था।
‘ग्नू योजना? अरे, यह क्या बला है?’
ग्नू Gnu is not Linux शब्दों के प्रथम अक्षरों से बना शब्द है। ग्नू प्रोजेक्ट को २५ साल पहले रिचार्ड स्टालमेन (Richard M Stallmann) ने शुरु किया था। इसी से फ्री या कॉपीलेफ्टेड सॉफ्टवेयर का जन्म हुआ। मैंने चिट्ठाकारी २००६ के शुरू में प्रारम्भ की थी। शुरुवात के दौरान मैंने एक श्रंखला ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर के नाम से की थी इसी श्रंखला की कॉपीलेफ्ट और फ्री सौफ़टवेर: इतिहास कड़ी में इनके बारे में लिखा है। इसकी एक और कड़ी में ओपेन सोर्स सौफ्टवेर – क्या है में ओपेन सोर्स से इसका अन्तर बताया है। यहां आप इसके बारे में विस्तार से जान सकते हैं। यदि आप पूरी श्रंखला को एक साथ पढ़ना चाहते हैं तो ओपेन सोर्स सौफ्टवेर पर पढ़ सकते हैं।
आइये आप भी जन्न्मदिन केक का आनन्द लीजिये।
This photograph is not mine and is courtesy this post.
जन्मदिन पर आप कोई न कोई उपहार तो देना ही चाहेंगे। मैं बताता हूं कि क्या उपहार दें। क्यों नहीं एक वह प्रोग्राम प्रयोग करना शुरू करें जो को ओपेन सोर्स का हो।
२५ साल पूरे होने पर इसके बारे में जानकारी के लिये, अंग्रेजीं का यह विडियो देखिये।
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(सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।: Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)
कुछ समय पहले मैं साउथ अफ्रीका के इंडिपेंडेंट एलक्टोरल कमीशन (Independent Electoral Commission, Head Office, Election House, 260 Walker Street, Sunnyside, Pretoria) की वेबसाइट गया पर मैं उसे न देख सका।
इसका कारण यह था कि आप उसे केवल इंटरनेट एक्सप्लोरर वेब ब्राउज़र से ही देख सकते हैं 😦
यह सच है कि आप लिनेक्स में वाइन की सहायता से इंटरनेट एक्सप्लोरर चला सकते हैं पर मुझे शक है कि यह कानूनी है कि नहीं। क्योंकि, विंडोज़ के अधिकतर सॉफ्टवेयर में शर्त होती है कि उनके सॉफ्टवेयर को, जब तक अनुमति न हो तब तक, विंडोज़ के अलावा किसी और ऑपरेटिंग सिस्टम में नहीं चलाया जा सकता है। यह अलग बात है कि इस तरह की शर्त वैध है अथवा नहीं।
मुझे जानकारी नहीं है कि मैक कंप्यूटर में इंटरनेट एक्सप्लोरर चलता है कि नहीं।
यह भी गौर करने की बात है कि लिनेक्स या मैक कंप्यूटर का प्रयोग करने वाले क्यों इंटरनेट एक्सप्लोरर का प्रयोग करेगें। उनके पास प्रयोग करने के लिये इससे बढ़िया वेब ब्राउज़र हैं।
मुझे आश्चर्य है कि साउथ अफ्रीका जैसे देश में, जहां लिनेक्स का बेहतरीन डिस्ट्रीब्यूशन बनता हो वहां भी इस तरह की कोई वेब साइट है।
यह तो एक तरह का भेदभाव हुआ न।
साउथ अप्रीका के लोग भी पीछे नहीं है। उन्होंने भी वहां के मानवाधिकार आयोग में भेदभाव का दावा ठोक दिया है।
हो सकता है कि कुछ दिनो बाद मैं आपको साउथ अफ्रीका घुमाने ले चलूं 🙂
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