सैकड़ों वर्ष पहले के इंजीनियर ही बेहतर थे
फ़रवरी 2, 2010 4 टिप्पणियां
श्री अनुपम मिश्र गांधी पीस फाउंडेशन (Gandhi Peace Foundation) की नींव डालने वाले सदस्यों में हैं। वे राजस्थान में पानी संचय के बारे में बात करते हैं। उन्होंने ‘राजस्थान की रजत बूंदे’ नामक पुस्तक लिखी है। इसे गांधी शांति प्रतिष्ठान, नयी दिल्ली ने छापा है।
कुछ समय पहले ‘टेड आइडियआस् वर्थ स्परैडिंग’ (TED Ideas Worth Spreading) में, अनुपम जी का भाषण सुनने को मिला। इसमें वे बताते हैं कि किस तरह से सैकड़ों वर्ष पहले, भारतवासियों ने रेगिस्तान में, पानी संचय करने के तरीके निकाले। यह तरीके आजकल के कड़ोरों रुपये खर्च कर बनाये गये पानी संचय करने के तरीकों से कहीं बेहतर हैं। Read more of this post
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