१०० रातों का वायदा, चला ३२१८ रातें
जून 19, 2011 5 टिप्पणियां
इस चिट्ठी में ऐलिस ऑज़मा के द्वारा लिखित पुस्तक ‘द रीडिंग प्रॉमिस’ के बारे में चर्चा करते हुऐ बच्चों में पुस्तक प्रेम जगाने के तरीके के बारे में चर्चा है।
उन्मुक्त पर मेरे विचार, छुट-पुट पर कुछ इधर की, कुछ उधर की
जून 19, 2011 5 टिप्पणियां
इस चिट्ठी में ऐलिस ऑज़मा के द्वारा लिखित पुस्तक ‘द रीडिंग प्रॉमिस’ के बारे में चर्चा करते हुऐ बच्चों में पुस्तक प्रेम जगाने के तरीके के बारे में चर्चा है।
जून 4, 2011 4 टिप्पणियां
रोमन हॉलीडे में ऑड्री हेपबर्न
मेरे लिये वास्तविक सुन्दरता का अर्थ है सुन्दर कार्य करना। इस बारे में ऑड्री हेपबर्न की कुछ बातें।
अप्रैल 13, 2011 2 टिप्पणियां
कौन ... कहता है कि हमारे और बन्दरों के पूर्वज एक थे देखिये हममें कितना अन्तर है 🙂
कुछ समय पहले मैंने ‘डार्विन, विकासवाद, और मज़हबी रोड़े’ नामक श्रृंखला कई कड़ियों में लिखी थी। इसमें डार्विन के जीवन, विकासवाद सिद्धान्त, उस पर होने वाले विवाद, और इस विषय पर चले मुकदमें की चर्चा की थी। इसका अलग अलग कड़ियों का पॉडकास्ट भी किया था।
विकासवाद के विरुद्ध, सृजनवादियों एक आपत्ति यह भी है कि विकासवाद उष्मागति के दूसरे नियम का उल्लंघन करता है। इसकी चर्चा मैंने ‘विकासवाद उष्मागति के दूसरे नियम का उल्लंघन करता है‘ की कड़ी में की है। इसके बाद इसे कुछ विस्तार से ‘समय की चाल – व्यवस्था से, अव्यवस्था की ओर‘ की कड़ी में समझाया है। यह श्रृंखला पूरी हो चुकी है। कुछ समय पहले इससे संबन्धित एक बेहतरीन विडियो देखा है – कुछ चर्चा उसके बारे में। Read more of this post
अप्रैल 1, 2011 3 टिप्पणियां
यह कहना मुश्किल है कि सफलता की सीढ़ी गलत रास्तों से जाती है या सफल लोगों से लोग जलने लग जाते हैं? इस पर बहुत कुछ दोनो तरफ से कहा जा सकता है। यह विषय तो कुछ विवादास्पद है। लेकिन, सफल लोगों के कमजोर पहुलवों पर लिखने वालों की कमी नहीं है।
कुछ समय पहले मैंने ‘लिनेक्स प्रेमी पुरुष – ज्यादा कामुक और भावुक???‘। इस पर रवी जी ने टिप्पणी की,
‘तो क्या खिड़की (विंडोज़) प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं? ;)’
उनकी टिप्पणी पर, मैंने एक अन्य चिट्ठी, ‘तो क्या खिड़की प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं?‘ नाम से लिखी। वास्तव में यह HARD DRIVE Bill Gates and the making of the Microsoft Empire by James Wallace & Jim Erickson नामक पुस्तक के बारे में थी जो कि मुख्यतः बिल गेटस् की जीवनी है और उनके कमजोर पक्ष को बताती है। Read more of this post
नवम्बर 27, 2010 1 टिप्पणी
इटली के संवैधानिक न्यायालय की इमारत विकिमीडिया के सौजन्य से
लगता है कि न केवल सरकारें पर न्यायालय भी मुक्त सॉफ्टवेयर का महत्व समझने लगे हैं।
पिज़ मॉन्टे (Piedmont) इटली का उत्तरी पश्चमी क्षेत्र है। ट्यूरिन इसकी राजधानी है। इसने एक नया कानून बनाया कि सरकारी कामों में मुक्त सॉफ्टवेयर को प्राथमिकता दी जायगी। इस कानून की संवैधानिकता को चुनौती दी गयी। Read more of this post
अगस्त 16, 2010 2 टिप्पणियां
मैंने इस चिट्ठे की पिछली चिट्ठी में बताया था कि मैंने ‘ज्योतिष, अंक विद्या, हस्तरेखा विद्या, और टोने-टुटके‘ श्रृंखला ज्योतिष पर विश्वास करने वालों का मजाक बनाने के लिये या किसी की आस्था या विश्वास पर चोट पहुंचाने के लिये नहीं लिखी थी और वायदा किया कि इसके लिखने का कारण बताउंगा। इस चिट्ठी इस श्रृंखला के लिखने का कारण है। Read more of this post
जुलाई 25, 2010 4 टिप्पणियां
कुछ समय पहले मैंने ‘नाई की दाढ़ी को कौन बनाता है‘ नामक चिट्ठी लिखी। इसमें संस्कृत का एक श्लोक भी लिखा था। मैं जानना चाहता था कि वह कहां से है। कई चिट्ठाकार बन्धुवों ने मदद की। इस पर अरविन्द जी ने ‘मेरे ही बुकशेल्फ में छुपा था उन्मुक्त जी के प्रश्न का जवाब!‘ नामक चिट्ठी लिखी। इस पर हिमान्शू मोहन जी, ने टिप्पणी की,
‘… एक बात और यहाँ साथ ही कहता चलूँ – जो मैंने उन्मुक्त की पोस्ट पर भी कही थी – कि बिना पूरी तरह जाने किसी विषय को, उस के बारे में अच्छी या बुरी धारणा बना लेना – पूर्वाग्रह है। सतर्क और जिज्ञासु – ज्ञान-पिपासु को इससे बचना चाहिए।’
राशियां – चित्र विकिपीडिया के सौजन्यसे
मैंने भी वहीं टिप्प्णी कर कहा था कि मैं जल्द ही अपनी बात रखूंगा। यह रहा मेरे जवाब का पहला भाग। Read more of this post
जून 4, 2010 3 टिप्पणियां
मैंने इसी साल अपने चिट्ठे पर ‘बुलबुल मारने पर दोष लगता है’ श्रृंखला लिखी है। यह श्रृंखला , ‘To Kill A Mockingbird’ उपन्यास के बारे में थी। इसे हार्पर ली (Harper Lee) ने लिखा है। यह उपन्यास २०वीं शताब्दी के उत्कृष्ट अमेरिकन साहित्य में गिना जाता है। बाद में, इस पर इसी नाम से एक फिल्म भी बनी है। यह मेरी प्रिय पुस्तकों में है। इस पर बनी फिल्म भी, मैंने १९६० के दशक में देखी थी।
इस श्रृंखला में चर्चा थी कि यह उपन्यास क्यों लिखा गया , इसकी क्या कहानी थी, इसकी क्या शिक्षा है। Read more of this post
अप्रैल 12, 2010 13 टिप्पणियां
बीबीसी पर एक बेहतरीन विज्ञान श्रृंखला वंडरस् ऑफ द सोलर सिस्टम (Wonders of the Solar System) आ रही है। मैं नहीं कह सकता कि यह अपने देश में आ रही है कि नहीं। क्योंकि मेरे यहां केबल टीवी नहीं है केवल दूरदर्शन की सैटेलाइट चैनल है। यदि आप मेरी तरह के हैं तो इसे यूट्यूब में देख सकते हैं।
इस श्रृंखला के मेज़बान प्रोफेसर ब्रायन कॉक्स (Professor Brian Cox) हैं। आप मैनचेसटर विश्विद्यालय में प्रोफेसर और रॉयल सोसायटी युनिवर्सिटी रिसर्च फेलो (Royal Society University Research Fellow) हैं। इसके साथ वे लार्ज हार्डन कोलिडर (Large Hadron Collider) स्विटज़रलैंड में शोधकर्ता हैं।
वंडर्स् ऑफ द सोलर सिस्टम श्रृंखला की शुरुवात का दृश्य
इस श्रृंखला के दौरान जब वे बृहस्पति के बारे में बात करते हैं तब एक वाक्य ‘Astrology is a load of rubbish’ (ज्योतिष बकवास का भार है) का प्रयोग करते हैं। वे कहते हैं, Read more of this post
फ़रवरी 2, 2010 4 टिप्पणियां
श्री अनुपम मिश्र गांधी पीस फाउंडेशन (Gandhi Peace Foundation) की नींव डालने वाले सदस्यों में हैं। वे राजस्थान में पानी संचय के बारे में बात करते हैं। उन्होंने ‘राजस्थान की रजत बूंदे’ नामक पुस्तक लिखी है। इसे गांधी शांति प्रतिष्ठान, नयी दिल्ली ने छापा है।
कुछ समय पहले ‘टेड आइडियआस् वर्थ स्परैडिंग’ (TED Ideas Worth Spreading) में, अनुपम जी का भाषण सुनने को मिला। इसमें वे बताते हैं कि किस तरह से सैकड़ों वर्ष पहले, भारतवासियों ने रेगिस्तान में, पानी संचय करने के तरीके निकाले। यह तरीके आजकल के कड़ोरों रुपये खर्च कर बनाये गये पानी संचय करने के तरीकों से कहीं बेहतर हैं। Read more of this post
नयी टिप्पणियां