किस गोले से चॉकलेट निकालूं

इस चिट्ठी में, मेरी दो प्रिय वेबसाइटों के साथ, हेलौवीन उत्सव एवं एक पहेली की चर्चा की चर्चा है।

हेलौवीन दिवस पर बच्चे

हिन्दी भाषा की सबसे बड़ी खासियत यह है कि आप जैसे इसे लिखते हैं वैसे ही शब्दों का का उच्चारण करते हैं। लेकिन अंग्रेजी भाषा के साथ यह नहीं होता है। अक्सर शब्दों का उच्चारण वैसे नहीं होता जैसा कि वे लिखे जाते हैं। मैं अंग्रेजी भाषा को समझने के लिये, उसका उच्चारण ठीक करने के लिये कुछ वेबसाइटों को पढ़ता और सुनता हूं।  ‘Listen to English – learn English!‘ ऐसी ही एक वेबसाइट है। यदि आप अंग्रेजी भाषा को ठीक करना चाहें तब इस पर एक नजर अवश्य डालें।

हेलौवीन दिवस पर कद्दू के बने खास गोल डिब्बे

अमेरिका, कैनाडा, ब्रिटेन में एक हेलौवीन नामक उत्सव ३१ अक्टूबर को मनाया जाता है। इसकी पार्टी में लोग लोग डरावनी पोशाकें पहनते हैं। बच्चे लोग  डरवानी पोशाके पहन कर आते हैं। वे मिठाई, खाने की वस्तु मांगते हैं। यदि आप नहीं देगें तब वह जादू कर आप पर विपदा लाते हैं। ‘Listen to English – learn English!’ की कड़ी ‘The Scariest Day of the Year‘ में इसके बारे में बताया गया है। इसके बारे में आप वहां विस्तार से जान सकते हैं।

मुझे पहेलियां पसन्द हैं हांलाकि सुडोको पसन्द नहीं आता है। मेरी दूसरी प्रिय वेबसाइट न्यूयॉर्क टाईमस् का वर्डप्ले ब्लॉग ‘Wordplay – New York Times Blog‘ है। इसमें पहेलियों का जिक्र रहता है। इसकी एक कड़ी ‘Numberplay: Treat or Trick‘ में हेलौवीन से सम्बनधित एक पहेली है। जो कि इस प्रकार है।

हेलौवीन दिवस पर, आपने बच्चों को देने के लिये कुछ खास तरह की चॉकलेट बनायी है – कुछ दैत्य और कुछ कपाल आकृति की हैं। इन्हें आप तीन गोल डिब्बों में रखते है। यह खास तरह के गोल डिब्बे इसी उत्सव के लिये बनाये जाते हैं। एक गोल डिब्बे दैत्य आकृति, दूसरे में कपाल आकृति, और तीसरे में कुछ दैत्य और कुछ कपाल आकृति यानि मिश्रित चॉकलेटें हैं। इनके बाहर लेबल लगे हैं कि उसमें किस तरह की चॉकलेट हैं। लेकिन यह गलत लग गये हैं। यानि जिसमें दैत्य का लेबल लगा है उसमें या तो कपाल या फिर मिश्रित (दैत्य एवं कपाल दोनो) चॉकलेटें हैं। शाम को आपसे बच्चे खाने की चीज मांगने आते हैं तब आप उनके सामने यह गोल डिब्बे रखते हैं और कहते हैं कि,

‘सबके लिये एक चॉकलेट है। लकिन जो एक चॉकलेट निकाल कर बाकी दोनो डिब्बों की चॉकलेट सही तरह से बता देगा उसे दो चॉकलेट मिलेंगी। लेकिन शर्त यह है कि चॉकलेट निकालते गोल डिब्बों के अन्दर रखी चॉकलेटों नहीं देखा जा सकता।’

उनमें से एक बच्चा आगे बढ़ कर एक डिब्बे से चॉकलेट निकाल कर बाकी दोनो डिब्बों की सही चॉकलेट बता देता है।

क्या आप बता सकते हैं कि उसने यह कैसे किया।

‘यह हेलौवीन है’ (This is Halloween) नामक डरावने विडियो का आनन्द लें।

इस चिट्ठी के दोनो चित्र विकिपीडिया से हैं।

मेरी प्रिय वेबसाईटें

किस गोले से चॉकलेट निकालूं।।

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सुनने के लिये चिन्ह शीर्षक के बाद लगे चिन्ह ► पर चटका लगायें यह आपको इस फाइल के पेज पर ले जायगा। उसके बाद जहां Download और उसके बाद फाइल का नाम अंग्रेजी में लिखा है वहां चटका लगायें।:

Click on the symbol ► after the heading. This will take you to the page where file is. his will take you to the page where file is. Click where ‘Download’ and there after name of the file is written.)

यह पॉडकास्ट ogg फॉरमैट में है। यदि सुनने में मुश्किल हो तो दाहिने तरफ का विज़िट, 

मेरे पॉडकास्ट बकबक पर नयी प्रविष्टियां, इसकी फीड, और इसे कैसे सुने


गणित और पहेलियों से सम्बन्धित कुछ अन्य चिट्ठियां।

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के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

One Response to किस गोले से चॉकलेट निकालूं

  1. खेल खेल में भी ज्ञानार्जन 🙂

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