सफलता की सीढ़ी

यह कहना मुश्किल है कि सफलता की सीढ़ी गलत रास्तों से जाती है या सफल लोगों से लोग जलने लग जाते हैं? इस पर बहुत कुछ दोनो तरफ से कहा जा सकता है। यह विषय तो कुछ विवादास्पद है। लेकिन, सफल लोगों के कमजोर पहुलवों पर लिखने वालों की कमी नहीं है।

कुछ समय पहले मैंने ‘लिनेक्स प्रेमी पुरुष – ज्यादा कामुक और भावुक???‘। इस पर रवी जी ने टिप्पणी की,

‘तो क्या खिड़की (विंडोज़) प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं? ;)’

उनकी टिप्पणी पर, मैंने एक अन्य चिट्ठी, ‘तो क्या खिड़की प्रेमी ठंडे और कठोर होते हैं?‘ नाम से लिखी। वास्तव में यह HARD DRIVE Bill Gates and the making of the Microsoft Empire by James Wallace & Jim Erickson नामक पुस्तक के बारे में थी जो कि मुख्यतः बिल गेटस् की जीवनी है और उनके कमजोर पक्ष को बताती है।

कुछ दिन पहले चर्चा में एक नयी पुस्तक ‘Ideal Man: A Memoir by the Co founder of Microsoft’ आयी है। यह माइक्रोसॉफ्ट के सह संस्थापक पॉल ऍलेन की आत्म कहानी है। यह बिल गेटस् को एक वैसे व्यक्ति के रूप में दिखाती जैसा कि जैसा कि HARD DRIVE Bill Gates and the making of the Microsoft Empire में लिखा है। यह उनके उन व्यक्तित्व के उस पक्ष को उजागर करती है जिसके बारे में वे बात नहीं करना चाहते हैं। इसके बारे में आप विस्तार से वॉल स्ट्रीट जरनल में यहां और मेल ऑनलाइन में यहां पढ़ सकते हैं।


लेकिन शायद यह अब सच न हो। बिल गेटस् और उनकी पत्नी आजकल अपना काफी पैसा परोपकार में भी कर रहे हैं।

१९७८ में माइक्रोसॉफ्ट के ८ संस्थापक बिल गेटस् बायें और पॉल ऍलेन दायें है -चित्र मेल ऑनलाइन से

यदि आप इसके बारे में वॉल स्ट्रीट जरनल की खबर देखना चाहें तो नीचे चटका लगा कर देख सकते हैं।

http://s.wsj.net/media/swf/VideoPlayerMain.swf

 

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के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

3 Responses to सफलता की सीढ़ी

  1. Nishant says:

    कुछ नई सी चीज पढ़ने को मिलेगी इसलिए आपकी दी हुई लिंक्स कुरेदते हैं.

  2. Ravi says:

    बिल गेट्स और वारेन बफेट के परोपकार का एक इंटरेस्टिंग एंगल यह भी है, और शायद ज्यादा सच भी! –

    http://wahmoney.blogspot.com/2011/03/blog-post_29.html

  3. VASU PANDEY says:

    EVERY THING WRITTEN BY UNMUKT IS BETTER THEN BEST, I AM NOT A WRITER OR POET BUT I AM INTERESTED IN HINDI LITTERATEUR TO READ AND COLLECT THE ARTICLE OF HINDI LITTERATEUR WRITTEN BY HINDI WRITER, LIKE,JAISHENKAR PRASAD, RAMDHARI SINGH DINKER, NIRALA, SUMITRA NANDAN PANT, AND SO MANY OTHER HINDI SHAAHITYA IS ALSO THE BACK BONE OF INDIA, BUT IN PRESENT TIME THE NEW GENERATION ARE BEHAVE LIKE SLAVE OF ENGLISH LANGUAGE,PLEASE DON”T TAKE IT OTHER WISE I AM NOT GOING TO DO ANY COMMENT ON ENGLISH OR ANY OTHER LANGUAGE,THE LANGUAGE,ART OF LIVING, BEHAVIOUR,IS THE IDENTITY OF A MAN OR COMMUNITY AND HIS COUNTRY.EVERY COUNTRY HAS ITS MOTHER LANGUAGE,SO LIKE THIS INDIA HAS ITS MOTHER LANGUAGE i.e “HINDI” BUT IN PRESENT ERA EVERY ONE INTERESTED TO TALK IN ENGLISH,WHY? THERE SHOULD BE A HIGHEST REASON BEHIND IT & WE HAVE TO SEARCH THE REASON,AND WE HAVE TO INFORM EVERY ONE ABOUT IMPORTANCE OF THE MOTHER LANGUAGE

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