फॉस इंडिया एवार्ड घोषित – एक पुरुस्कार ख़ास

‘उन्मुक्त जी, ओपेन सोर्स तो सुना था पर फॉस क्या होता है?’

फ्री सॉफ्टवेयर और ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर में कुछ अन्तर होता है पर मोटे तौर पर यह शब्द एक ही तरह से प्रयोग किये जाते हैं। इसलिये इन्हें Free/ Open Source Software (FOSS) या फिर Free/Libre Open Source Software (FLOSS) कहा जाता है। इसे ठीक से समझने के लिये मेरा लेख ‘ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर‘ पढ़ें।

यही तो ओपेन सोर्स के साथ सबसे बड़ी मुश्किल है। इसके बारे में शुरू से बताना पड़ता है। कम ही लोग इसके बारे में जानते हैं। इसीलिये मैं इसके बारे में लिखता हूं।

ओपेन सोर्स के बारे में सूचना प्राप्त करने के लिये एक बेहतरीन मासिक पत्रिका लिनेक्स फॉर यू (Linux for you) निकलती है। यह आपको ओपेन सोर्स के बारे न केवल नवीनतम सूचना देती है पर यह आपको हर महीने नवीनतम ओपेन सोर्स सॉफ्टवेयर की सीडी भी भेजती है ताकि आपको उसे डाउनलोड करने की परेशानी न उठानी पड़े।

ओपेन सोर्स इंडिया सप्ताह दिल्ली (Open Source India Week, Delhi) में चल रहा है। इसी के दौरान, १५ फरवरी को, लिनेक्स फॉर यू के संपादक ने फॉस इंडिया एवार्ड (FOSS India Awards) की घोषणा की। इसके लिये २० परियोजनाओं (projects) को चुना गया है।

ओपेन सोर्स को सही दिशा मिले, यह तरक्की करे, लोगों को इसके बारे में ठीक से पता चल सके – इसलिये भारत सरकार के सूचना प्रद्योगिकी विभाग ने National Resource Centre for Free/Open Source Software (NRCFOSS) की स्थापना की है। यह ओपेन सोर्स को बढ़ावा देने कार्यरत है। NRCFOSS ने इस साल फॉस इंडिया एवार्ड को प्रायोजित (sponsored) किया है। इसमें प्रत्येक परियोजना को २५,००० रुपये का पुरुस्कार (कुल ५ लाख) मिलेगा। निम्न २० परियोजनाओं को इस पुरुस्कार के लिये चुना गया है

  1. Hindawi Indic Programming System
  2. Zmanda Recover Manager for MySQL
  3. Dhvani Indian Language Text to Speech System
  4. Fedora (games and localization spins)
  5. केडीई 3.5 हिन्दी परियोजना में हिन्दी अनुवाद का पूरा कार्य तो अपने रवी जी ने किया है। वे बधाई के पात्र हैं।

  6. KDE 3.5 Hindi
  7. MayaVi
  8. Jtrac
  9. DeepOfix
  10. Tuxtype
  11. WanEM
  12. Mac4Lin
  13. OpenLX
  14. Anjuta
  15. HarvestMan
  16. Get it I say
  17. KIWI-LTSP
  18. Ffmpeginstall
  19. Belenix
  20. TVTK: Traited VTK
  21. GNUSim8085

 

(रवी जी – तकनीक और हिन्दी के गुरू)

‘उन्मुक्त जी, यह तो बढ़िया है पर आपने इनमें से केवल एक (केडीई 3.5 हिन्दी) ही को क्यों बोल्ड और बड़े शब्दों में किया है। लगता है कि कनफ्यूज़ हो गये हैं।’

अरे नहीं भाई, नहीं बहना – यह तो मैंने जान बूझ कर बोल्ड किया है। आपको मालुम नहीं, शायद मुझसे बेहतर तरीके से मालुम है कि केडीई 3.5 हिन्दी परियोजना में हिन्दी अनुवाद का पूरा कार्य तो अपने रवी जी ने किया है। वे बधाई के पात्र हैं। रवी जी को बधाई देने के लिये यहां ई-मेल करें, या उनके चिट्ठे पर टिप्पणी करें, या उनके चिट्ठी पर बातचीत के लिये बॉक्स पर बधाई छोड़ें।

‘उन्मुक्त जी, क्या यह काम उन्होंने किसी फेलोशिप पर किया है।’

शायद हां, शायद नहीं, मालुम नहीं … मैं नहीं कह सकता, – अरे, अफलातून जी से क्यों नहीं पूछते 🙂 शायद इसी बहाने वे मेरे चिट्ठे पर आयें।

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के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

11 Responses to फॉस इंडिया एवार्ड घोषित – एक पुरुस्कार ख़ास

  1. जानकारी भरा आलेख,

    अफलातून जी को कोई नया पद मिल गया है 🙂 ?

  2. रवि says:

    उन्मुक्त जी, आपका बहुत-2 धन्यवाद 🙂
    जी हाँ, इस परियोजना को सराय ने फेलोशिप प्रदान किया था, और यह परियोजना इंडलिनक्स.ऑर्ग के बैनर तले, इंडलिनक्स के कोऑर्डिनेटर जी. करूणाकर के सक्रिय तकनीकी सहयोग से पूरा हुआ है.

  3. ज्ञानवर्धक और उपयोगी जानकारी . रवि जी को बधाई !

  4. रवि जी को बधाई। आप को धन्यवाद, इस सूचना के लिए।

  5. हमारी तरह से भी बधाई हो रवि जी

  6. o3um says:

    सर मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त नही कर सकता की इस चिट्ठे को पढ़ कर मैं कितना खुश हूँ। मैं पिछले कुछ महीने से इंटरनेट का लती हो चुका हूँ, इस चिट्ठे को पढने से पहले तक मुझे लगता था की भारत में उच्च स्तर के वैचारिक माध्यमों की कमी है, पर इस चिट्ठे के साथ ही साथ मुझे कई और उपयोगी वेब साईट के बारे में एक साथ पता चला। आज का दिन इंटरनेट पर मेरे लिए अब तक का सब से अच्छा दिन है। मैं आपसे गुजारिश करता हूँ के आप अपना समय हम पाठकों को देते रहें।

    मयंक जी, मेरे बारे में आपके अच्छे विचारों के लिये आपका शुक्रिया – उन्मुक्त।

  7. mamta says:

    आपने तो इतनी सारी जानकारी एक साथ दे दी कि हमे धीरे-धीरे पढ़ना पड़ेगा।

    रवि जी को बधाई।

  8. nitin says:

    रवि जी और आपको बधाईयां!!

  9. यह सही है कि अपने चिट्ठे पर आने वाली कड़ियों के जरिए ही आज आपके चिट्ठे तक पहुँचा। पहली बार नहीं । सप्रेम।

    अफलातून जी, चिट्ठियों में लिंक देने का यही फायदा है। यह बात मैंने अपनी चिट्ठी ‘ मित्रता दिवस पर सैर सपाटा – विश्वसनीयता, उत्सुकता, और रोमांच‘ पर कुछ विस्तार से बतायी थी पर अभी हिन्दी चिट्ठाजगत इसे कम समझता है – उन्मुक्त

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