साधू, फुटबाल, और संगम

फुटबाल का जादू ऐसा,
साधुवों के सर भी चढ़ा।

संगम के किनारे,
खेला फुटबाल उन्होने।

देखिये ड्रिब्लिंग इनकी,
क्या किसी से कम हैं ये।

खाये मात इनसे,
रोनेलडो और पेले भी।

यह दो चित्र मेरे एक मित्र ने भेजे हैं।

यह चित्र Associated Press AP 21 June 2006 के सौजन्य से है।

यह चित्र Pioneer और PTI 21 June 2006 के सौजन्य से है।

यदि आप गणितज्ञ बूरबाकी के बारे मे जानना चाहें या पूरब-पश्चिम पिक्चर मे जीरो के महत्व वाले गाने को सुनना चाहें, या शून्य अथवा ogg म्यूज़िक फॉरमैट के बारे मे पढ़ने मे उत्सुक हों, तो उसे मेरे उन्मुक्त चिठ्ठे पर ‘शून्य, जीरो, और बूरबाकी’ कि चिठ्ठी पर यहां पढ़ सकते हैं।

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के बारे में उन्मुक्त
मैं हूं उन्मुक्त - हिन्दुस्तान के एक कोने से एक आम भारतीय। मैं हिन्दी मे तीन चिट्ठे लिखता हूं - उन्मुक्त, ' छुट-पुट', और ' लेख'। मैं एक पॉडकास्ट भी ' बकबक' नाम से करता हूं। मेरी पत्नी शुभा अध्यापिका है। वह भी एक चिट्ठा ' मुन्ने के बापू' के नाम से ब्लॉगर पर लिखती है। कुछ समय पहले,  १९ नवम्बर २००६ में, 'द टेलीग्राफ' समाचारपत्र में 'Hitchhiking through a non-English language blog galaxy' नाम से लेख छपा था। इसमें भारतीय भाषा के चिट्ठों का इतिहास, इसकी विविधता, और परिपक्वत्ता की चर्चा थी। इसमें कुछ सूचना हमारे में बारे में भी है, जिसमें कुछ त्रुटियां हैं। इसको ठीक करते हुऐ मेरी पत्नी शुभा ने एक चिट्ठी 'भारतीय भाषाओं के चिट्ठे जगत की सैर' नाम से प्रकाशित की है। इस चिट्ठी हमारे बारे में सारी सूचना है। इसमें यह भी स्पष्ट है कि हम क्यों अज्ञात रूप में चिट्टाकारी करते हैं और इन चिट्ठों का क्या उद्देश्य है। मेरा बेटा मुन्ना वा उसकी पत्नी परी, विदेश में विज्ञान पर शोद्ध करते हैं। मेरे तीनों चिट्ठों एवं पॉडकास्ट की सामग्री तथा मेरे द्वारा खींचे गये चित्र (दूसरी जगह से लिये गये चित्रों में लिंक दी है) क्रिएटिव कॉमनस् शून्य (Creative Commons-0 1.0) लाईसेन्स के अन्तर्गत है। इसमें लेखक कोई भी अधिकार अपने पास नहीं रखता है। अथार्त, मेरे तीनो चिट्ठों, पॉडकास्ट फीड एग्रेगेटर की सारी चिट्ठियां, कौपी-लेफ्टेड हैं या इसे कहने का बेहतर तरीका होगा कि वे कॉपीराइट के झंझट मुक्त हैं। आपको इनका किसी प्रकार से प्रयोग वा संशोधन करने की स्वतंत्रता है। मुझे प्रसन्नता होगी यदि आप ऐसा करते समय इसका श्रेय मुझे (यानि कि उन्मुक्त को), या फिर मेरी उस चिट्ठी/ पॉडकास्ट से लिंक दे दें। मुझसे समपर्क का पता यह है।

2 Responses to साधू, फुटबाल, और संगम

  1. प्रमेन्‍द्र प्रताप सिंह says:

    allahabad ke chitra hai

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